झारखंड के वन क्षेत्र से 5 Km के दायरे में सभी आरा मिल हटेंगे, CM हेमंत सोरेन का सख्त निर्देश

सीएम हेमंत सोरेन ने वन विभाग को सख्त निर्देश देते हुए अविलंब वन क्षेत्र से पांच किलोमीटर के दायरे में आनेवाले आरा मिलों को हटाने को कहा है. इससे जंगलों में लकड़कियों की अवैध कटाई पर रोक लगेगी, वहीं जंगल और पर्यावरण पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2022 7:35 PM

Jharkhand News: झारखंड के वन क्षेत्र (Forest Area) से पांच किलोमीटर के दायरे में आनेवाले सभी आरा मिल (Saw Mill) हटेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने वन विभाग (Forest Department) के उस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है, जिसमें राज्य में 1996 के पूर्व वन क्षेत्र से पांच किमी के दायरे में संचालित आरा मिलों को रेगुलराइज करने का आग्रह किया गया था. सीएम श्री सोरेन ने वन विभाग को आदेश दिया है कि वन क्षेत्र से पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी आरा मिलों को जल्द से जल्द हटाने की कार्रवाई
सुनिश्चित करें.

निर्णय से लगेगा अवैध कटाई पर लगाम

सीएम श्री सोरेन के इस निर्णय का दूरगामी प्रभाव आने वाले दिनों में राज्य के जंगल और पर्यावरण (Forest and Environment) पर दिखेगा. इससे जंगलों में लकड़ियों की हो रही अवैध कटाई पर भी लगाम लगेगी. साथ ही, जंगली जीव, जंगल और वनस्पति भी संरक्षित हो सकेंगे.

शुरू हुई अवैध आरा मिलों पर कार्रवाई

वन विभाग ने देवघर जिला के सारठ एवं सरवन प्रखंड स्थित अवैध रूप से संचालित चार आरा मिलों में छापेमारी कर भारी मात्रा में सागवान की लकड़ी जब्त की है. साथ ही, वन विभाग द्वारा इन आरा मिलों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है.

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राज्य में अवैध खदान को बंद करने का सीएम ने दिया था आदेश

बता दें कि इससे पूर्व सीएम श्री सोरेन ने राज्य में संचालित अवैध खदान (Jharkhand Illegal Mining) को बंद करने का भी सख्त निर्देश दिया था. इस संबंध में उन्होंने कहा कि जिस जिले में अवैध खदान संचालित होंगे, उस जिले के सीनियर अधिकारियों पर कार्रवाई होगी. इस आदेश के बाद राज्य के विभिन्न जिलों में अवैध खदान और क्रशर पर पुलिस प्रशासन की कार्रवाई तेज हो गयी. हर दिन अवैध खदानों को बंद किये जाने की खबर मिलने लगी. लोगों ने भी सीएम श्री सोरेन के इस कदम का स्वागत किया है. खासकर कोयलांचल क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अवैध खदान के कारण कई बार दुर्घटनाएं हुई है, वहीं खदान में बार-बार विस्फोट करने से प्रदूषण सहित उनके घरों पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है.

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Posted By: Samir Ranjan.

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