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सदर अस्पताल के सातों मॉड्यूलर ओटी शीघ्र होंगे शुरू

स्वास्थ्य विभाग और सदर अस्पताल प्रबंधन व्यवस्था सुधारने में जुटा है. पांच करोड़ की मशीन से स्टरलाइजेशन की प्रक्रिया 10 मिनट में पूरी होगी.

बिपिन सिंह, रांची. सदर अस्पताल के सातवें माले (सबसे ऊपरी मंजिल) पर मौजूद सात अल्ट्रा मॉडर्न मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर जल्द काम करने लगेंगे. फिलहाल चार ओटी चालू हैं. स्वास्थ्य विभाग और सदर अस्पताल प्रबंधन सभी मॉड्यूलर ओटी को उन्नत बनाने में जुटा है. इसके लिए अस्पताल में पहले से मौजूद सेंट्रल स्टेराइल सर्विसेज डिपार्टमेंट (सीएसएसडी) को सेवा में लाया जायेगा. अस्पताल में मशीनें पहले से मौजूद हैं, जिनकी कीमत पांच करोड़ से ऊपर बतायी जा रही है. हालिया फैसले के बाद पांच करोड़ की धूल फांक रही मशीन से ओटी के अंदर की ड्रेसिंग सामग्री और सर्जिकल उपकरणों को समय रहते संक्रमणमुक्त किया जा सकेगा. यह स्टरलाइजेशन की प्रक्रिया 10 मिनट में एक ही जगह पर पूरी होगी.

इमरजेंसी सर्जरी नहीं टलेगी, ऑपरेशन की संख्या भी बढ़ेगी : सदर अस्पताल के चार फंक्शनल ओटी में डॉक्टरों के प्रयास से करीब 750 से ज्यादा छोटी-बड़ी सर्जरी हर महीने की जाती है. ओटी के उपकरणों में संक्रमण (एचएआइ) की बढ़ी दर को कम करने पर सर्जरी की संख्या 1000 से भी पार हो सकेगी. वहीं, इमरजेंसी सर्जरी नहीं टलेगी.

डेढ़ दशक से बंद कमरे में धूल फांक रही थी मशीन

2010 में स्थापित होने के बाद से अस्पताल में सीएसएसडी से जुड़ी मशीनों को चलाने के लिए स्किल्ड तकनीशियन मौजूद नहीं थे. दो साल पहले नवंबर 2022 में जब मुख्य भवन का हैंडओवर लिया गया, तब भी यह बड़ा सवाल था. इसके लिए पूर्व स्वास्थ्य सचिव को भी कई बार लिखा गया था. अब अस्पताल प्रबंधन ने मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनी मेसर्स समानता सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज को ही इंजीनियर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी है.

रिम्स में मॉडर्न सेंट्रल स्टरलाइजेशन की सुविधा नहीं

अत्याधुनिक सेंट्रल स्टरलाइजेशन की व्यवस्था रिम्स में नहीं है. सदर में पहले कई बार उपकरण उपलब्ध नहीं रहने से जरूरी ऑपरेशन टालने पड़ते थे. लेकिन, सदर अस्पताल में नयी व्यवस्था से अब ऐसा नहीं होगा. वहीं, हाइड्रोसिल या नसबंदी जैसी लघु अवधि वाली सर्जरी के दौरान इसकी सर्वाधिक आवश्यकता महसूस होती थी, जब बड़े पैमाने पर साफ और संक्रमणरहित औजारों की जरूरत पड़ती थी.

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