राज्यपाल ने सभी विवि को हर महीने की पहली तारीख को पेंशन भुगतान करने का दिया निर्देश

राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने राज्य के सभी सरकारी विवि के कुलपति को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि हर माह की पहली तारीख को सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को पेंशन राशि का भुगतान हो जाये.

By Prabhat Khabar News Desk | April 5, 2024 6:58 PM

रांची (विशेष संवाददाता). राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने राज्य के सभी सरकारी विवि के कुलपति को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि हर माह की पहली तारीख को सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को पेंशन राशि का भुगतान हो जाये. राज्यपाल के निर्देश पर उनके प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी विवि के कुलपति को पत्र भेज कर कहा है कि विवि के सेवानिवृत्त शिक्षकों ने राज्यपाल के पास शिकायत की है कि उन्हें मासिक पेंशन भुगतान सहित बाकाया राशि भुगतान में हमेशा विलंब होता है. प्रधान सचिव ने कहा है कि सभी विवि को पूर्व में भी सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों की पेंशन भुगतान बिना किसी डायवर्सन (विचलन) के हर महीने की पहली तारीख को किया जाये. पुन: सभी कुलपति इसे सुनिश्चित करायें. कुलपति से यह भी कहा गया है कि अगर किसी विवि को धनराशि उपलब्धता में कोई समस्या आती है, तो वे पहली तारीख को पेंशन भुगतान करने के लिए पिछले माह की 25 तारीख से पहले राजभवन को इसकी जानकारी उपलब्ध करायें.

रांची विवि में सरकार से नहीं मिली राशि, आंतरिक स्रोत से हुआ भुगतान

इधर राज्य सरकार से राशि नहीं मिलने के कारण रांची विवि प्रशासन ने अपने आंतरिक स्रोत से दो अप्रैल 2024 तक मार्च माह का पेंशन राशि का भुगतान सभी सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को उपलब्ध करा दी है. विवि प्रशासन का कहना है कि विवि में हर माह की पहली तारीख को वेतन व पेंशन का भुगतान हो रहा है. लेकिन नये वित्तीय वर्ष को लेकर अप्रैल व मई माह की पेंशन राशि सरकार से समय पर नहीं मिलने पर तकनीकी समस्या उत्पन्न हो सकती है. इधर राज्य के कई विवि में स्थायी कुलपति के नहीं रहने के कारण भी पेंशन आदि के भुगतान में तकनीकी अड़चनें आने की बात कही है.

पिछले माह विवि शिक्षक मिले थे राज्यपाल से

फेडरेशन ऑफ रिटायर्ड यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल डॉ बब्बन चौबे के नेतृत्व में राज्यपाल से पिछले माह की 14 तारीख को राजभवन में मुलाकात की थी. इस क्रम में शिक्षकों ने विवि व सरकार से कई मामलों में सहयोग नहीं मिलने की शिकायत की थी.

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