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CCL इंप्लाइज फ्लैट के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप, जांच के लिए समिति गठित

वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगने के बाद सहकारिता विभाग ने केडी दास की अध्यक्षता में बनायी जांच कमेटी. बिरला गार्डेन, जोड़ा तालाब, बरियातू में हो रहा है आवासीय परिसर का निर्माण. सहकारिता विभाग ने सोसाइटी को नोटिस कर निबंधन संबंधी पूर्ण दस्तावेज मांगा है.

मनोज सिंह,रांची : प्रिविलेज सीसीएल इंप्लाइज गृह निर्माण स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा बनाये जा रहे मल्टी स्टोरेज आवासीय परिसर की जांच होगी. सहकारिता विभाग को इससे संबंधित शिकायत मिली है. सहकारिता विभाग ने जांच के लिए केडी दास की अध्यक्षता में कमेटी भी बनायी है. आवासीय परिसर का निर्माण बिरला गार्डेन, जोड़ा तालाब, बरियातू में किया जा रहा है. सीसीएल के सेवानिवृत्त प्रबंधक सह राजधानी के पूर्व विधायक ननी गोपाल मित्रा के पुत्र सुमित कुमार मित्रा और प्रिविलेज हाउसिंग प्रालि के डायरेक्टर (अब निष्कासित) मुकेश कुमार सिंह ने सहकारिता विभाग में शिकायत की है. इसमें समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और अध्यक्ष को प्रतिवादी बनाया है. इन पर मुकेश सिंह ने वित्तीय गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. वहीं श्री मित्रा ने पैसा लेकर समय पर आवास निर्माण नहीं करने का आरोप लगाया है.

2016 में सीसीएल परिसर से हुई थी शुरुआत

इस सोसाइटी के निर्माण की शुरुआत 2016 में सीसीएल के परिसर से हुई थी. तत्कालीन जीएम की मौजूदगी में सोसाइटी निर्माण की रूपरेखा बनी थी. धीरे-धीरे इससे 100 से अधिक सदस्य जुड़ गये हैं. अक्तूबर 2017 से प्रोजेक्ट निर्माण का रास्ता साफ हो गया था. सोसाइटी ने मुकेश कुमार सिंह को प्रमोटर बनाया था. तय हुआ था 200 रुपये प्रति वर्ग फीट इनको प्रमोशन राशि दी जायेगी. 2018 में संस्था का निबंधन कराया गया. 2019 में संस्था ने बिरला बगान में जमीन ले ली. धीरे-धीरे कुल चार एकड़ के करीब जमीन सोसाइटी ने ली है.


सीसीएल इंप्लाइज गृह निर्माण:

2020 में कोलकाता के जेपी अग्रवाल को आर्किटेक्ट रखा गया है. दिसंबर 2021 में नक्शा पास हुआ. 2022 में रेरा से निबंधित कराया गया है. इसी बीच मुकेश से संस्था के सदस्यों का विवाद शुरू हो गया. बाद में मुकेश कुमार को हटा दिया गया.

क्या-क्या पूछा है सहकारिता विभाग ने :

सहकारिता विभाग ने सोसाइटी को नोटिस कर निबंधन संबंधी पूर्ण दस्तावेज मांगा है. यह भी पूछा है कि मुकेश सिंह की नियुक्ति को एजीएम या बोर्ड से स्वीकृति थी या नहीं. जून 2019 में संपन्न प्रथम बोर्ड की कार्यवाही, एग्रीमेंट की कॉपी भी मांगी है. एकरारनामा में परामर्शी को हटाने संबंधी दस्तावेज, जमीन खरीद के लिए ली गयी अग्रिम का हिसाब भी मांगा है. अध्यक्ष को बेटियों को आवंटित फ्लैट की जानकारी भी मांगी गयी है. सुमित मित्रा को प्लॉट व फ्लैट आवंटन संबंधी दस्तावेज तथा इनको हटाने के निर्णय संबंधी प्रस्ताव भी मांगा गया है. 2019-20 से 2022-23 तक का अंकेक्षण प्रतिवेदन, मुख्य कार्यपालक की नियुक्ति की जानकारी भी मांगी है. जांच समिति ने आय-व्यय का लेखा-जोखा भी मांगा है.

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भौतिक सत्यापन अचानक कर दी गयी स्थगित

छह सितंबर को जांच दल के सदस्यों ने स्थल निरीक्षण करने का निर्णय लिया था. इसके लिए जिला प्रशासन से सुरक्षा भी उपलब्ध कराया गया था. अचानक सभी सदस्योें को छह सितंबर को ही मैसेज कर भौतिक सत्यापन स्थगित करने की सूचना दी गयी थी.

समिति अध्यक्ष ने क्या कहा……

यह मामला निबंधक सहयोग समितियां और हाइकोर्ट में चल रहा है. पहले के प्रमोटर को 70 लाख रुपये दिया गया है. उसके काम से समिति संतुष्ट नहीं थी. इस कारण एजीएम के निर्णय के आलोक में उनको हटा दिया गया है. इसके बाद भी प्रमोटर से जो भी तय है, वह अदालत से ही तय होगा. जो भी तय होगा, वह हम लोगों को मान्य होगा.

संजय कुमार, सीइओ, प्रिविलेज सीसीएल इम्पलाइज गृह निर्माण स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड

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