Jharkhand News: विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने ईडी के अनुरोध पर आलोक रंजन को एक दिन के पुलिस रिमांड पर देने का आदेश दिया. साथ ही ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम से जेल में दो दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी. इडी के अधिकारी 14 और 15 अप्रैल को जेल में बीरेंद्र राम से पूछताछ करेंगे.
बीरेंद्र राम द्वारा अर्जित नाजायज धन की आलोक को जानकारी
बीरेंद्र राम प्रकरण में गिरफ्तार आलोक रंजन को ईडी ने दिन के करीब 11.30 बजे पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश के कोर्ट में पेश किया. साथ ही अभियुक्त को एक दिन के पुलिस रिमांड पर देने के अनुरोध किया. ईडी की ओर से दलील दी गयी कि इस अभियुक्त के पास बीरेंद्र राम द्वारा अर्जित नाजायज धन (लाउंड्रिंग) की जानकारी है. वह इससे संबंधित सूचनाओं को छिपा रहा है. इस मामले में उससे आगे की पूछताछ और उसका बयान दर्ज करना आवश्यक है. इसलिए अदालत उसे एक दिन के पुलिस रिमांड पर देने का आदेश दे. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभियुक्त को 13 अप्रैल को पुलिस रिमांड पर देने का आदेश दिया.
जेल में ईडी अधिकारी बीरेंद्र राम से करेंगे पूछताछ
ईडी की ओर से कोर्ट में एक आवेदन देकर जेल में बंद बीरेंद्र राम से पूछताछ की अनुमति मांगी गयी. इस मामले में ईडी की ओर से कोर्ट को यह जानकारी दी गयी कि जांच के दौरान कुछ नये तथ्य मिले हैं. इन तथ्यों का सत्यापन करना जरूरी है. इसके लिए बीरेंद्र राम से पूछताछ की जरूरत है. कोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया का वह पूछताछ के लिए जेल परिसर में ईडी के अधिकारियों को अलग कमरा उपलब्ध करायें.
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बीरेंद्र राम की काली कमाई आलोक रंजन रखता है
बीरेंद्र राम की काली कमाई का पैसा उसका चचेरा भाई आलोक रंजन रखता था. वह बीरेंद्र राम के आदेश पर पैसा खर्च करता था. मामले की जांच के दौरान ईडी के अधिकारियों को इससे संबंधित सबूत मिले है. उसके कमरे से जब्त 2.67 करोड़ रुपये बीरेंद्र राम के ही थे. वह बीरेंद्र राम के निर्देश पर कमीशन के तौर पर मिली नकदी को बीरेंद्र राम व अन्य लोगों के बैंक खाते में जमा करता था.