रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने धनबाद जेल में बंद शूटर अमन सिंह की गोली मार कर हत्या मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जेल में फायर आर्म्स का पहुंचना व हत्या होना गंभीर मामला है. यह घटना जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है. कोर्ट ने महाधिवक्ता से जानना चाहा कि क्या मामले में बड़े षड्यंत्र व पॉलिटिकल एंगल को देखते हुए राज्य सरकार एसआइटी बना कर मामले की जांच कराने पर विचार कर सकती है या नहीं. इस बिंदु पर राज्य सरकार को जानकारी देने के साथ-साथ तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 12 दिसंबर की तिथि निर्धारित की.
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में हुई. मामले की सुनवाई के दाैरान जेल आइजी उमाशंकर सिंह वर्चुअल तरीके से उपस्थित थे. उन्होंने खंडपीठ के सवालों का जवाब दिया. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने खंडपीठ को बताया कि सरकार घटना को लेकर गंभीर है. मामले की जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे कोर्ट के समक्ष रखा जायेगा. आइजी जेल की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि धनबाद के सिटी एसपी, अपर समाहर्ता व एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) द्वारा जेल में सुरक्षा की चूक की जांच की जा रही है.
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तीन सदस्यीय समिति मामले की जांच कर रही है. सीआइडी आइजी भी जेल में घटी घटना की जांच पड़ताल कर रहे हैं. जेल से दो पिस्टल, छह मोबाइल फोन बरामद किया गया है. गोली मारनेवाले की पहचान कर ली गयी है. मामले में चार प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. मुख्य आरोपी सुंदर महतो को रिमांड पर लिया गया है. धनबाद जेल के जेलर सहित सात कक्षापालों को निलंबित कर दिया गया है. 23 कैदियों को दूसरे जेल में शिफ्ट किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि तीन दिसंबर को धनबाद मंडल कारा में बंद शूटर अमन सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. शूटर अमन सिंह धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या मामले में लंबे समय से जेल में बंद था.