रांची : धनबाद जेल अस्पताल में अमन सिंह की हत्या के लिए सीआइडी आइजी असीम विक्रांत मिंज के नेतृत्व में धनबाद गयी टीम मंगलवार को वहां से जांच कर रांची लौट चुकी है. इस पूरे मामले में गृह सचिव को रिपोर्ट सौंपने के लिए जेल आइजी विस्तार के साथ जांच में आये तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.सीआइडी को शुरुआती जांच में इस बात की जानकारी मिली है कि अमन सिंह की हत्या के बाद जिम्मेवारी लेने वाले अपराधी आशीष रंजन ने ही धनबाद जेल में पहले से बंद अपने गिरोह के लोगों से संपर्क कर सुंदर महतो उर्फ रितेश यादव के जरिये अमन सिंह की गोली मार कर हत्या करा दी. यह भी आशंका जतायी गयी है कि सुंदर महतो बाइक चोरी के साधारण केस में हत्या की घटना को अंजाम देने के लिए छह दिन पहले जेल गया था. हत्या की योजना पहले से तैयार की जा रही थी और हत्या की घटना को एक सुनियोजित योजना के तहत अंजाम दिया गया. सीआइडी आइजी ने धनबाद पुलिस को यह भी निर्देश दिया है कि पूरे मामले में गहराई से साक्ष्य एकत्रित करने की आवश्यकता है, ताकि घटना में शामिल लोगों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सके.
सीआइडी आइजी को जांच के दौरान यह भी बताया गया कि सुंदर महतो द्वारा अमन सिंह को गोली मारने के बाद बंदियों के दो गुट के बीच मारपीट हुई थी. इस दौरान बंदियों ने वार्ड संख्या तीन स्थित टीवी को तोड़-फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया था. मारपीट करने वाले बंदी के पहले गुट में पूर्वी कतरास के बीसापट्टी निवासी विकास रवानी उर्फ विकास बजरंगी, कतरास निवासी चंदन यादव, केंदुआडीह थाना क्षेत्र निवासी सतीश कुमार गांधी और अमर रवानी के नाम शामिल हैं. जबकि दूसरे गुट में पुटकी निवासी कुंदन कुमार उर्फ रोहित, आजमगढ़ के रामपुर निवासी आशीष शुक्ला उर्फ सत्य उर्फ प्रिंस, आजमगढ़ के खैरा टोला निवासी वैभव यादव उर्फ राहुल सिंह, आजमगढ़ के सिविल लाइन निवासी दिनेश कुमार गौड़ और भोलू यादव शामिल हैं. मारपीट की घटना और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और मारपीट की घटना को लेकर धनबाद थाना में जेल प्रशासन की शिकायत पर नौ आरोपियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है.