आज उम्र के100वें साल में प्रवेश करेंगे अमानत अली, स्वतंत्रता व झारखंड आंदोलन में रही है अहम भूमिका
अमानत अली के पुत्र प्रभात खबर के साथ उनके पिता से जुड़े कई पहलुओं को साझा किया. उन्होंने बताया कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से जीवन की शुरुआत करने वाले अमानत अली अंसारी ने झारखंड राज्य गठन आंदोलन को कुशल नेतृत्व प्रदान किया
स्वतंत्रता सेनानी, झारखंड आंदोलनकारी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता, ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधान पार्षद अमानत अली अंसारी 30 अगस्त 2023 को अपने जीवन के 100वें वर्ष में प्रवेश कर जायेंगे. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गवाह रहे अमानत अली झारखंड-बिहार के गिने-चुने लोगों में हैं, जो हमारे बीच हैं. अमानत अली ने स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी-नहेरू जैसे दिग्गज आंदोलनकारियों के साथ काम किया है.
मोमिन कांफ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष आबिद अली और अमानत अली के पुत्र प्रभात खबर के साथ उनके पिता से जुड़े कई पहलुओं को साझा किया. उन्होंने बताया कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से जीवन की शुरुआत करने वाले अमानत अली अंसारी ने झारखंड राज्य गठन आंदोलन को कुशल नेतृत्व प्रदान किया. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्तंभों में से एक अमानत अली अंसारी ने स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया और राष्ट्र निर्माण में भी योगदान दिया है.
उन्होंने कहा कि अमानत अली अंसारी झारखंड के वरिष्ठतम ऐसे वयोवृद्ध नेता हैं, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाई, देश की आजादी के बाद सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं से जुड़ कर समाज के नवनिर्माण में अपनी भूमिका निभाई. अमानत अली अंसारी ने पिछड़ों, दलितों, वंचितों और मोमिनों के विकास एवं उद्धार के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया. आबिद अली ने बताया कि इन्होंने 1942 के आंदोलन में भाग लिया.
1945 में पटना में ऑल इंडिया छात्र कांग्रेस के सम्मेलन में हिस्सा लिया, जिसका उद्घाटन नेहरू जी ने किया था. 1946 के ऐतिहासिक मेरठ महाधिवेशन में भी आपने प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया. इसके बाद जयपुर, नासिक, भावनगर, अवाड़ी, कोलकाता, कल्याणी, गुवाहाटी, पटना, मुंबई और दिल्ली के कांग्रेस महाधिवेशनों में भी प्रतिनिधि के तौर पर शामिल रहे.
1948 में अमानत अली अंसारी ने छोटानागपुर प्रमंडल के छात्र कांग्रेस के संगठनकर्ता बने और बाद में कई सम्मेलनों और सभाओं में भाग लेने के साथ समय-समय पर कांग्रेस के प्रदेश और जिला संगठन में भाग लिया. दो बार बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे. मजदूर आंदोलन और सहकारिता आंदोलन में भी अग्रणी भूमिका निभायी. अमानत अली अंसारी के रांची जिला कांग्रेस अध्यक्ष रहने के दौरान श्रद्धानंद पथ पर जो कार्यालय भवन बना, उसका शिलान्यास बाबू जगजीवन राम ने किया था और उद्घाटन पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा किया गया था. इसी भवन में आज प्रदेश कांग्रेस का मुख्यालय है.