आय से अधिक संपत्ति मामले में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी बोले- मैं निर्दोष हूं, बाकी सरकार जांच कर रही है, करे
राज्य सरकार ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में आपके साथ पांच पूर्व मंत्रियों पर मामला दर्ज किया है. बाउरी ने दो टूक कहा- मैं निर्दोष हूं. बाकी सरकार जांच कर रही है, जांच करे.
भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुना, लेकिन उन पर दल-बदल का मामला स्पीकर न्यायाधिकरण में चल रहा है. इस कारण सदन में उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता नहीं मिली. श्री मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद भाजपा ने अमर बाउरी को विधायक दल का नेता बनाया. श्री बाउरी सदन में प्रतिपक्ष का नेता बने. भाजपा में कद बढ़ने के साथ उनकी चुनौतियां और जवाबदेही भी बढ़ी. श्री बाउरी बुधवार को ‘प्रभात खबर’ के ‘संवाद’ कार्यक्रम में पहुंचे.
रांची : प्रतिपक्ष के नेता अमर बाउरी ने कहा कि हम पांचवीं विधानसभा को देखते हैं, तो पाते हैं कि चार साल तक नेता प्रतिपक्ष का पद रिक्त रहा. सदन के नेता, सरकार पर अंकुश लगाने के लिए नेता प्रतिपक्ष का पद सृजित किया गया है. विपक्ष का काम कहीं न कहीं सरकार को सचेत करना है. उसके गलत कार्यों के बारे में बताना हैं और उस पर अंकुश व नियंत्रण बनाये रखना है. पिछले चार साल तक इस सरकार ने अवैधानिक रूप से नेता प्रतिपक्ष को हटा कर रखा, उसका परिणाम आज सरकार भुगत रही है.
भ्रष्टाचार व गलत नीतियों के कारण आज सरकार अपने को कानूनी शिकंजे में कसा हुआ पा रही है. यह पूछे जाने पर कि राज्य सरकार ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में आपके साथ पांच पूर्व मंत्रियों पर मामला दर्ज किया है. बाउरी ने दो टूक कहा : मैं निर्दोष हूं. बाकी सरकार जांच कर रही है, जांच करे.
मेरे सामने कोई चुनौती नहीं है, सभी विधायकों ने मिल कर यह दायित्व सौंपा है :
यह पूछने पर कि सदन के अंदर विपक्ष को कितना एकजुट रख पायेंगे? श्री बाउरी ने कहा : मेरे सामने कोई चुनौती नहीं है. सभी विधायकों ने मिल कर यह दायित्व सौंपा है. भाजपा ऐसी पार्टी है, जिसमें त्याग व अनुशासन सबसे ज्यादा है. प्रतिपक्ष के नेता ने सरकार के कामकाज पर कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है. इस सरकार ने तुष्टीकरण व भ्रष्टाचार में अपने आप को इतना संलिप्त कर लिया कि आज परिस्थिति दयनीय व बदहाल हो गयी है.
केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई पर श्री बाउरी ने कहा कि सभी केंद्रीय एंजेसियां ऑटोनोमस बॉडी हैं, वह पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से काम करती हैं. इसमें ऐसी वैधानिक व्यवस्था बनायी गयी है कि कोई अपने पद का दुरुपयोग नहीं कर पाये. इन पर अंकुश लगाने के लिए वैधानिक रूप से व्यवस्था बनी हुई है. अब इनको परेशानी है कि इडी व अन्य एजेसियां क्यों कार्रवाई कर रही हैं. अगर किसी को लगता है कि उनके साथ गलत हो रहा है, तो न्यायपालिका आपके सामने हैं. आप वहां पर अपनी बात को रख सकते हैं. इन्हें बताना चाहिए कि अगर उनके साथ गलत हो रहा है, तो न्यायालय से क्यों नहीं न्याय मिल रहा है? मैं स्पष्ट कर देता हूं कि जो गड़बडियां हुई हैं, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार खत्म हुआ है.
नियोजन राज्य सरकार का मामला, केंद्र को फेंक कर दायित्व मुक्त नहीं हो सकते हैं :
प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि नियोजन राज्यसूची का मामला है. संघीय व्यवस्था में नियोजन विशुद्ध रूप से राज्य सरकार का मामला है. राज्य अगर चाहे, तो उसे अपने तरीके से लागू कर सकती है. अगर वह स्थानीय लोगों को नौकरी देना चाहती है, तो कानून बना कर लागू कर सकती है. ऐसे में राज्य सरकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास मामला को फेंक कर अपने दायित्वों से मुक्त नहीं हो सकती है. आनेवाले चुनाव में बतौर दलित नेता पार्टी का चेहरा होने के सवाल पर बोले : एक राजनीतिक कार्यकर्ता को फ्रेम में बांधना, अतिश्योक्ति होगी. मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं. हां! एक बात जरूरत है कि भारत की जो सामाजिक संरचना है, उसमें जनजातियों को पूरा न्याय नहीं मिल पाया.
कार्यकर्ता से राज्यपाल के पद तक पहुंचना भाजपा में ही संभव : रघुवर दास को गवर्नर बनाये जाने के सवाल पर कहा : देखिए, यह भाजपा में ही संभव है कि एक असाधारण कार्यकर्ता, मजदूर, विधायक से लेकर मुख्यमंत्री बन जाता है. बाद में उसे महामहिम राज्यपाल बनने का गौरव प्रदान किया जाता है. इससे भाजपा के सभी कार्यकर्ता प्रेरणा लेते हैं. आजसू के साथ गठबंधन पर उन्होंने कहा कि हमलोग एनडीए में शामिल हैं. बाकी कौन कहां है, उससे हमें लेना-देना नहीं है. गठबंधन पर केंद्रीय कमेटी निर्णय लेती है.