रांची: बाबा साहेब डॉ भीम राव आंबेडकर की प्रेरणा से राज्य में एससी व एसटी वर्ग के आर्थिक एवं शैक्षणिक उन्नयन के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. आवासीय विद्यालय चलाये जा रहे हैं. छात्रवृत्ति दी जा रही है़ छात्रावासों का निर्माण किया गया है. उच्च शिक्षा के लिए मेधावी छात्रों को विदेश भी भेजा जा रहा है.
कल्याण विभाग ने 89 अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय, 23 अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय, चार पिछड़ी जाति आवासीय विद्यालय, अति कमजोर जनजातीय समूह के लिए नौ आवासीय विद्यालय, 32 पहाड़िया दिवाकालीन विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है.
अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए सात एकलव्य विद्यालय चलाये जा रहे हैं. अब एकलव्य विद्यालय 69 होंगे़ फिलहाल, इन विद्यालयों में 24,000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. साथ ही राज्य के सभी पांच प्रमंडलों में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए एक-एक नया आवासीय विद्यालय भी स्थापित किया जा रहा है. सरकार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग को प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दे रही है.
इसके तहत प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को 50-150 रुपये, मध्य विद्यालय के छात्रों को 150-100 रुपये व उच्च विद्यालय के विद्यार्थियों को 200-150 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाती है़ विद्यार्थियों को आधार इनेबल्ड डीबीटी द्वारा उनके बैंक खातों में राशि हस्तांतरित की जाती है.
राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति के अलावा अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजा रहा है. मरांड गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के जरिये राज्य के 10 मेधावी विद्यार्थियों को यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दन आयरलैंड में मास्टर्स या एमफिल की डिग्री हासिल करने के लिए भेजा गया है. योजना के तहत विद्यार्थियों को शत-प्रतिशत छात्रवृत्ति दी जाती है़ चालू वर्ष में भी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजा जाना है.
Posted By: Sameer Oraon