Jharkhand : अमित अग्रवाल 1000 करोड़ की अवैध खनन में भी संलिप्त, 7 दिनों के लिए ED की रिमांड पर
ED ने खुलासा किया कि राजीव कुमार कैश कांड मामले में गिरफ्तार अमित अग्रवाल साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन में भी शामिल रहे हैं. जांच में प्रेम प्रकाश की कंपनियों से अमित की कंपनियों में मनी लाउंड्रिंग किये जाने के सबूत मिले हैं. अमित अग्रवाल को 7 दिनों के लिए इडी के रिमांड पर रखा है.
Ranchi News: इडी ने खुलासा किया है कि राजीव कुमार कैश कांड मामले में गिरफ्तार अमित अग्रवाल साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन में भी शामिल रहे हैं. जांच में प्रेम प्रकाश की कंपनियों से अमित की कंपनियों में मनी लाउंड्रिंग किये जाने के सबूत मिले हैं. इडी ने शनिवार को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में दायर रिमांड पिटीशन में बताया कि अमित अग्रवाल ने सुनियोजित साजिश के तहत हाइकोर्ट में चल रहे पीआइएल को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची. सोनू अग्रवाल के माध्यम से खुद ही अधिवक्ता राजीव कुमार से संपर्क किया और 50 लाख रुपये देकर पकड़वाया.
अमित अग्रवाल सात दिनों के लिए इडी के रिमांड पर
इस पूरे प्रकरण में अमित अग्रवाल का उद्देश्य पीआइएल को नुकसान पहुंचा कर मनी लाउंड्रिंग के मामले से बचना था. सुनवाई के बाद इडी अदालत के प्रभारी न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत ने आरोपी अमित कुमार अग्रवाल को सात दिनों के लिए इडी के रिमांड पर देने की स्वीकृति दी. हालांकि इडी ने 14 दिनों की रिमांड की मांग की थी. रिमांड की अवधि नाै अक्तूबर से लेकर 15 अक्तूबर तक की होगी. इससे पूर्व अदालत ने आरोपी को 14 अक्तूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था.
अमित अग्रवाल को भेजा बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा
कोर्ट के आदेश पर अमित अग्रवाल को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया है. इडी ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल की शनिवार को पूछताछ के पूर्व स्वास्थ्य जांच करायी.इसमें ब्लड प्रेशर का स्तर 151/91 पाया गया, जो सामान्य से अधिक था. इडी ने कोर्ट को बताया है कि अमित अग्रवाल को हाइकोर्ट द्वारा शेल कंपनियों के मामले में जांच का आदेश दिये जाने की आशंका थी. इसलिए उसके द्वारा जांच से बचने के लिए साजिश रची गयी. लोभ के कारण वकील राजीव कुमार फंस गये और 50 लाख रुपये लेते हुए पकड़े गये.
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शिकायत में लगाया पीसी एक्ट
अमित ने राजीव कुमार को देने के लिए अपने बैंक से 60 लाख रुपये निकाले थे, जिसमें से 50 लाख रुपये राजीव कुमार को देकर पकड़वाया. अमित अग्रवाल द्वारा रची गयी साजिश के तहत ही कोलकाता पुलिस ने उसके द्वारा की गयी शिकायत में पीसी एक्ट (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट) लगाया. पीसी एक्ट लगाने के उद्देश्य से ही अमित अग्रवाल द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि राजीव कुमार ने 10 करोड़ रुपये लेकर अधिकारियों को मैनेज कर मामले को धीरे करने का आश्वासन दिया था. इडी ने इस बिंदु की जांच में पाया कि न तो किसी सरकारी अधिकारी और न ही किसी जांच एजेंसी ने राजीव कुमार या शिवशंकर शर्मा से संपर्क किया था.
अमित अग्रवाल के ज्यादा दोषी होने का बताया कारण
इडी ने कुछ न्यायिक आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि घूस दो तरीके से लिये जाते हैं. पहले तरीके में एक व्यक्ति दूसरे को डरा-धमका कर घूस लेता है. इसमें डरा-धमका कर घूस लेनेवाला ज्यादा दोषी माना जाता है. इसमें डराने-धमकानेवाले व्यक्ति का निजी स्वार्थ होता है. दूसरे तरीके में एक व्यक्ति खुद ही दूसरे से संपर्क कर उसे घूस देने की पेशकश करता है. इस दूसरे तरीके में खुद ही संपर्क कर घूस देनेवाला व्यक्ति ज्यादा दोषी होता है. अमित अग्रवाल और राजीव कुमार का मामला दूसरे तरीके का है, इसलिए अमित अग्रवाल ज्यादा दोषी है.
इडी कुछ और लोगों से कर सकती है पूछताछ
अवैध खनन से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में इडी की टीम कुछ और लोगों से पूछताछ कर सकती है. इसमें गिरफ्तार कारोबारी अमित अग्रवाल से जुड़े लोग हो सकते हैं. वहीं साहिबगंज में बोट (फेरी) चलानेवाले लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है. कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है.
क्राइम करने के बाद शिकायत दर्ज कराये
आरोपी अमित कुमार अग्रवाल को शनिवार दोपहर 2.15 बजे अदालत में पेश करने के बाद इडी ने 14 दिनों के लिए रिमांड पर देने की मांग की. मामले की सुनवाई के दाैरान आरोपी की ओर से अदालत को बताया गया कि जिस मामले में इडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है, वह मामले के शिकायतकर्ता है. उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करायी थी, लेकिन इडी ने उन्हें ही आरोपी बना दिया है. इस पर अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि यदि कोई व्यक्ति क्राइम करने के बाद शिकायत दर्ज कराये, तो क्या वह आरोपी नहीं हो सकता. इडी की अोर से अदालत को बताया गया कि मामले में आगे के अनुसंधान के लिए अमित अग्रवाल की रिमांड की जरूरत है.
अफसरों के संपर्क में था अमित अग्रवाल
अमित अग्रवाल की मोबाइल के सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) से इडी को यह पता चला है कि करीब एक दर्जन आला अफसर से उसकी बातचीत होती थी. दो-चार अफसरों से लगातार बातचीत होती थी. पहले भी ये बातें सामने आ रही थी कि प्रेम प्रकाश की तरह अमित अग्रवाल के भी संपर्क राज्य के आला अफसरों से थी. जब भी अग्रवाल रांची में होते थे, अफसर उनसे मिलते थे. इसके बाद ही उसके सभी मोबाइल का सीडीआर निकाला गया, जिससे कई जानकारियां इडी को मिलीं.