अमिताभ चौधरी बने जेपीएससी अध्यक्ष, झारखंड में लंबित नियुक्तियों का रास्ता साफ

पूर्व आइपीएस अफसर अमिताभ चौधरी झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के बने अध्यक्ष

By Prabhat Khabar News Desk | October 29, 2020 6:37 AM

रांची : पूर्व आइपीएस अफसर अमिताभ चौधरी झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के अध्यक्ष बनाये गये हैं. श्री चौधरी ने बुधवार को अध्यक्ष पद पर योगदान भी दे दिया. इनकी नियुक्ति अधिकतम 62 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक के लिए की गयी है. श्री चौधरी का जन्म छह जुलाई 1960 को हुआ है.

यानी वे लगभग दो साल तक अध्यक्ष पद पर रहेंगे. आइएएस सुधीर त्रिपाठी के 26 सितंबर से अध्यक्ष के पद से हटने के बाद से यह पद रिक्त था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अनुशंसा के बाद राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने श्री चौधरी की नियुक्ति पर मुहर लगायी.

अमिताभ चौधरी 1984 में आइआइटी खड़गपुर से बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद 1985 में आइपीएस बने. इन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में इतिहास व भूगोल विषय को अॉप्शनल पेपर में रखा. पहले ही प्रयास में इन्होंने परीक्षा पास की अौर आइपीएस श्रेणी में अॉल इंडिया में द्वितीय स्थान प्राप्त किया.

इन्हें बिहार कैडर मिला. श्री चौधरी 1997 में रांची के एसएसपी बनाये गये. अपनी क्षमता, सूझबूझ व बेहतर टीम के बदौलत इन्होंने रांची की जनता के बीच से अपराधियों का खौफ खत्म किया, जिसे लोग आज भी याद करते हैं.

कौन हैं अमिताभ चौधरी

इनके नेतृत्व में कुख्यात अपराधी सुरेंद्र बंगाली, अनिल शर्मा की गिरफ्तारी हुई. वर्ष 2000 में श्री चौधरी जमशेदपुर के एसपी भी रहे.

धौनी को टीम इंडिया तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी : श्री चौधरी 2002 में बीसीसीआइ के मेंबर बने. 2005 में झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने.

महेंद्र सिंह धौनी को टीम इंडिया तक पहुंचाने में श्री चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका रही. 2003-2009 के दौरान टीम इंडिया के मैनेजर बने. 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए श्री चौधरी ने गृह विभाग में विशेष सचिव (एडीजी रैंक) के पद से वीआरएस ले लिया. जेवीएम से टिकट मिलने पर चुनाव लड़ा, लेकिन 67 हजार वोट लाकर चौथे स्थान पर रहे.

किन किन पदों पर संभाल चुके हैं 

वर्ष 1984 में आइआइटी खड़गपुर से किया था बीटेक, वर्ष 1985 में आइपीएस अधिकारी बने

1997 में रांची की जनता के बीच अपराधियों का खौफ खत्म करनेवाले एसएसपी के रूप में बनायी पहचान

झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष, बीसीसीआइ के सचिव सहित टीम इंडिया के मैनेजर भी रह चुके हैं

2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए विशेष सचिव (गृह) विभाग के पद से लिया वीआरएस

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के नवनियुक्त अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने कहा है कि जेपीएससी से यहां के युवक/युवतियों को बहुत उम्मीदें हैं. पूरी पारदर्शिता के साथ समय पर परीक्षा लेना और रिजल्ट निकालना ही उनका मुख्य उद्देश्य होगा. अगर हम यह सब करते हैं, तो इस राज्य के युवक/युवतियों के साथ-साथ उनके परिवार को बहुत राहत मिलेगी.

श्री चौधरी अध्यक्ष पद पर योगदान करने के बाद ‘प्रभात खबर’ से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे. श्री चौधरी ने कहा : आज ही मैंने आयोग में कदम रखा है. संस्था को समझना है. लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि जेपीएससी के गठन के उद्देश्य को पूरी तरह से लागू करूंगा. अब तक छह सिविल सेवा परीक्षा ही हुई है.

इस आयोग के उद्देश्य या कार्य में जो भी कमी है, उसे दूर करना ही मेरा कर्म है और धर्म है. उम्मीद है यहां के युवक/युवतियों को जो वाजिब आक्रोेश है, उसे समर्पण भाव से दूर करूंगा. मुझे जो भी रोल दिया गया है, उस पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा.

राज्य सरकार ने जेपीएससी अध्यक्ष के रूप में अमिताभ चौधरी की नियुक्ति कर ली है. इसके साथ ही अन्य आयोग व विभागों में रिक्त पदों को भरने के प्रति सरकार गंभीर है. हाल ही में सरकार ने रिम्स निदेशक की नियुक्ति कर ली. सूत्रों ने बताया कि झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग में भी अध्यक्ष पद रिक्त है.

सरकार अगले 15 दिनों में इस पद पर भी नियुक्ति कर देगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि जेपीएससी व जेएसएससी में चेयरमैन और सदस्य की नियुक्ति जल्द कर ली जायेगी. इसके बाद राज्य में विभिन्न पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू होगी. वर्तमान में सूचना आयोग में अध्यक्ष समेत सदस्यों का पद रिक्त है.

सूचना आयोग के लिए सरकार के पास आवेदन लंबित है. नेता प्रतिपक्ष न होने की वजह से सूचना आयोग में नियुक्ति नहीं हो पा रही है. हालांकि सरकार इसके लिए रास्ता निकालने का उपाय कर रही है. दूसरी ओर विद्युत नियामक आयोग में भी अध्यक्ष पद के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. मुख्यमंत्री जल्द ही विद्युत नियामक आयोग में भी नियुक्ति कर लेंगे.

जेपीएससी में फंसी हुई हैं 2500 से ज्यादा नियुक्तियां

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को पांच वर्ष की जगह एक बार फिर लगभग पौने दो साल के लिए स्थायी अध्यक्ष अमिताभ चौधरी के रूप में मिला है. नये अध्यक्ष के लिए सबसे बड़ी चुनौती वर्ष 2006 से अब तक फंसी हुई लगभग 2500 से ज्यादा रिक्त पदों पर नियुक्तियों के लिए परीक्षा लेना व रिजल्ट निकालना है.

इससे भी बड़ी चुनौती आयोग की धूमिल हुई छवि और कार्यशैली में सुधार लाना है.आयोग के गठन के लगभग 19 साल हो गये, लेकिन अब तक छह सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जा सका है. वहीं, विवि में पिछले 12 साल से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं हो सकी है.

रिक्तियां आयोग में फंसी हुई हैं. आयोग के गठन के बाद से लगभग 18 परीक्षाएं व नियुक्तियों की जांच सीबीआइ कर रही है.

जबकि, लगभग सभी मामले कोर्ट में किसी न किसी रूप में हैं. आयोग के पास दो हजार से ज्यादा विवि शिक्षकों की प्रोन्नति देने का मामला भी क्लियर करना जरूरी है, जो वर्षों से नहीं हो सकी है. इसके अलावा अन्य विभागों के कर्मियों का भी प्रोन्नति का मामले का निबटारा आयोग से ही होता है. आयोग में इससे पूर्व तीन आइएएस अध्यक्ष रह चुके हैं. इस बार आइपीएस अधिकारी को अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है.

नियुक्तियां रिक्तियां

असिस्टेंट टाउन प्लानर 77

विवि में अफसर 05

मेडिकल अफसर 380

नगर विकास में सहायक अभियंता 06

नगर विकास में एकाउंट्स अफसर 16

विभिन्न विभागों में सहायक

अभियंता 637

छठी डिप्टी कलक्टर सीमित 28

बिरसा कृषि विवि शिक्षक/अधिकारी 32

बीआइटी सिंदरी प्रोफेसर 05

नियुक्तियां रिक्तियां

बीआइटी सिंदरी असिस्टेंट

प्रोफेसर बैकलॉग 15

पब्लिक हेल्थ अफसर 56

असिस्टेंट प्रोफेसर बैकलॉग 350

असिस्टेंट प्रोफेसर रेगुलर 552

एपीपी 143

संयुक्त सिविल सेवा बैकलॉग 10

विवि में प्रोफेसर 70

प्रथम सीमित डिप्टी कलक्टर 50

कृषि विभाग 140

posted by : sameer oraon

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