असिस्टेंट प्रोफेसर बने, प्रोन्नति एवज में ली गयी राशि की नहीं होगी वसूली
रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की अनुशंसा व सिंडिकेट के निर्णय के आधार पर सात शिक्षकों की प्रोन्नति वापस लेने संबंधी अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दी गयी है.
रांची (विशेष संवाददाता). रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की अनुशंसा व सिंडिकेट के निर्णय के आधार पर सात शिक्षकों की प्रोन्नति वापस लेने संबंधी अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दी गयी है. इन शिक्षकों में डॉ मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ आशीष कुमार झा, डॉ बुशरा रजा, डॉ अगाथा सिल्विया खलखो, डॉ अनिल कुमार डेल्टा तथा डॉ कहकशां परवीन शामिल हैं. इनकी प्रोन्नति रीडर से व्याख्याता (सीनियर स्केल) के रूप में वापस ली गयी है. अब ये सभी शिक्षक असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में जाने जायेंगे. जेपीएससी ने इनकी प्रोन्नति तत्काल प्रभाव से वापस लिया है. इस स्थिति में प्रोन्नति एवज में ली गयी राशि की वसूली नहीं होगी. विवि ने इन शिक्षकों को 27.07.1998 के प्रभाव से लागू करियर एडवांसमेंट स्कीम तथा बोर्ड गाइडलाइन के आलोक में व्याख्याता (वरीय वेतनमान) से रीडर के पद पर प्रोन्नति लेने के लिए आवेदन देने का विकल्प रखा है, ताकि विवि द्वारा उसे शीघ्र अग्रसारित करा कर जेपीएससी के पास प्रोन्नति के लिए भेजा जा सके.
डॉ राजेश को छोड़ना पड़ सकता है रजिस्ट्रार का पद
रांची. झारखंड रक्षा शक्ति विवि के रजिस्ट्रार कर्नल डॉ राजेश कुमार को अपने पद से हटना पड सकता है. डॉ राजेश ने उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा मांगे गये स्पष्टीकरण का जवाब भी दे दिया है. जवाब संतोषजनक नहीं रहने की स्थिति में उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग बड़ी कार्रवाई कर सकता है. हालांकि कार्रवाई करने से पूर्व विभाग को राजभवन की स्वीकृति लेनी पड़ेगी. फिलहाल जांच कमेटी की रिपोर्ट तथा डॉ राजेश द्वारा दिये गये जवाब की विभाग द्वारा समीक्षा की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है