Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के सभी दलों के सीनियर नेता और निर्दलीय विधायकों को पत्र लिखा है. इसके माध्यम से झारखंड में पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 एवं झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक, 2022 को कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को भेजने का अनुरोध करने के लिए राज्यपाल रमेश बैस से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का आग्रह किया है, ताकि इन विधेयकों को शीघ्र कानून का रूप मिल सके.
दोनों विधेयक को संवैधानिक कवच प्रदान करना प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि 11 नवंबर, 2022 को झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र का विस्तारित सत्र बुलाकर उपरोक्त दो महत्वपूर्ण विधेयक सर्वसम्मति से पारित कराया गया. झारखंड बनने के बाद जब भी स्थानीय नीति बनाने का प्रयास कार्यपालिका द्वारा किया गया, उसे सफलता नहीं मिली एवं उच्च न्यायालय द्वारा उन नीतियों को खारिज किया जाता रहा है.
नियोजन नीति को झारखंड हाईकोर्ट ने किया रद्द
पत्र के माध्यम से बताया गया कि अभी कुछ दिन पूर्व ही एक बार फिर उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2021 में गठित नियोजन नीति को रद्द किया गया है. उपरोक्त परिस्थिति में दोनों विधेयक को संवैधानिक कवच उपलब्ध कराने के लिए इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने का भी निर्णय विधानसभा के द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया है.
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राज्यपाल से मिला समय, अन्य दल भी हों शामिल
वर्तमान में दोनों विधेयक राज्यपाल के कार्यालय को स्वीकृति के लिए भेजे गये हैं. व्यापक जनहित एवं राज्यहित में मुख्यमंत्री ने इच्छा प्रकट की है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर उक्त दोनों विधेयकों की जल्द कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को भेजने का अनुरोध करें, ताकि इसे जल्द कानून का रूप मिल सके. इसी क्रम में राज्यपाल द्वारा 20 दिसंबर के दोपहर तीन बजे मिलने का समय दिया गया है. मुख्यमंत्री ने विषय की व्यापकता एवं महत्व को देखते हुए राज्य के सभी दलों के नेताओं एवं निर्दलीय विधायकों को प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए अनुरोध किया है.