झारखंड में नियुक्तियों को लेकर जल्द होगी वैकल्पिक व्यवस्था, राज्यपाल से भेंटकर CM हेमंत ने कही ये बात

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. इस मौके पर उन्होंने राज्यपाल से नियोजन नीति बिल और आरक्षण सीमा बिल को जल्द केंद्र सरकार को भेजने का आग्रह किया. कहा कि जल्द ही सरकार नियुक्तियों को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है.

By Samir Ranjan | December 20, 2022 10:59 PM

Jharkhand News: 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति और OBC सहित अन्य वर्गों की आरक्षण सीमा को बढ़ाने संबंधी बिल को केंद्र सरकार को भेजने के आग्रह को लेकर सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात किया. हालांकि, इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी शामिल नहीं हुई. मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीएम ने कहा कि एक साजिश के तहत राज्य के मूलवासी, आदिवासी, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को छिना जा रहा है. जिसे सरकार किसी कीमत पर विरोधियों की साजिश को पूरा होने नहीं देगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार राज्य में नियुक्तियों को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था करने पर विचार कर रही है. जल्द ही इसका सकारात्मक परिणाम सामने आयेगा.

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बीजेपी छोड़ अन्य राजनीतिक दल के शिष्टमंडल ने की मुलाकात

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी को छोड़ कर सभी राजनीतिक दल के शिष्टमंडल राज्यपाल से मुलाकात की. इस शिष्टमंडल में जेएमएम, कांग्रेस, राजद, आरजेडी, सीपीएम, आजसू, वामदल समेत अन्य राजनीतिक दल के नेताओं ने शिरकत की. कहा कि राज्यपाल से भेंट करने का कारण पिछले दिनों झारखंड हाईकोर्ट द्वारा राज्य के नियोजन नीति को रद्द करना है.

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मूलवासी-आदिवासियों के हक के लिए बनी नियोजन नीति रद्द हुई

सीएम श्री सोरेन ने कहा कि ये नियोजन नीति पहली बार रद्द हुई है, ऐसी बात नहीं है. पूर्व में भी कई बार नियोजन नीति को हाईकोर्ट द्वारा रद्द किया गया है. बड़ा दुर्भाग्य है यहां के नौजवानों का जहां तृतीय और चतुर्थ वर्गीय रोजगार पाने में भी असफल हो रहे हैं. इसको लेकर यहां के मूलवासी-आदिवासियों के हक में वर्तमान सरकार ने जो नियोजन नीति बनायी थी, उसे रद्द कर दिया गया. हमें इस बात का अंदेशा था कि पूर्व के उदाहरण को ध्यान में रखकर हमलोग आगे बढ़ रहे थे.

नियोजन नीति की शिकायत करनेवाले 20 में से 19 लोग दूसरे राज्य से

उन्होंने कहा कि इस राज्य में कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो ऐन-केन-प्रकारेण यहां के मूलवासी-आदिवासियों के अधिकारों को छिनने का प्रयास कर रही है. कहा कि झारखंड हाईकोर्ट में जिन लोगों ने अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी, उसमें 20 लोग इसकी शिकायतकर्ता बनें. इसमें मात्र एक को छोड़कर बाकी सभी 19 शिकायतकर्ता दूसरे राज्यों से ताल्लुक रखते हैं.

नौवीं अनुसूची में शामिल करने की कही बात

सीएम ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है कि झारखंड के नियोजन नीति से दूसरे राज्य के लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है. इसलिए नवंबर माह में वर्तमान सरकार ने 1032 आधारित नियोजन नीति और ओबीसी आरक्षण को बिल पास किया. उसके अुनमोदन के लिए राज्यपाल के पास पहुंचा है. इस विधेयक में यह भी निवेदन था कि इसे नौंवी अनुसूची में डाला जाए, ताकि जिस तरीके से यहां मूलवासी-आदिवासियों के खिलाफ जो साजिश हो रही है, उसे खत्म किया जा सके. इसी विधेयक को जल्द से जल्द पारित करने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया, ताकि केंद्र सरकार के पास जल्द से जल्द इसे नौंवी अनुसूची में शामिल कर इस राज्य के नौजवानों के भविष्य को संरक्षित करने का काम हो सके.

राज्य में ऐसा गिरोह सक्रिय जो नहीं चाहता की मूलवासी-आदिवासी को रोजगार मिले

उन्होंने कहा कि इस नियोजन नीति में कहीं कोई ऐसी नई बात नहीं है जिसमें किसी आर्टिकल्स का उल्लंघन किया है और भी राज्यों में ऐसी व्यवस्था है जहां थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नियुक्ति सीधे तौर पर होती है. झारखंड में ही कुछ ऐसी गिरोह सक्रिय है जो नहीं चाहते कि यहां के मूलवासी-आदिवासियों को रोजगार मिले.

नियुक्तियों को लेकर सरकार जल्द करेगी वैकल्पिक व्यवस्था

सीएम ने कहा कि यह यहीं नहीं रुकेगी. उन्होंने राज्य के नौजवानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस सरकार का प्रयास कि राज्य के नौजवानों को अधिकार मिले. साथ ही कहा कि जो नियुक्तियों हैं, इन नियुक्तियों को लेकर सरकार वैकल्पिक व्यवस्था के प्रयास में जुटी है. कहा कि इस नियोजन नीति को लेकर राज्य के सात लाख से अधिक बच्चों ने आवेदन किया था. आज वो बच्चे काफी निराश और मायूस हैं. हमें इनकी चिंता है.

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