Loading election data...

अनगड़ा माइनिंग लीज आवंटन मामला : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में दायर की रिट याचिका

हाईकोर्ट में दायर याचिका में हेमंत सोरेन ने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 12 अगस्त 2022 को जो प्रोसिडिंग राज्यपाल के पास आयी है, उस पर वह कोई कार्रवाई नहीं करें. राज्यपाल को भारत निर्वाचन आयोग के मंतव्य पर कार्रवाई करने से रोका जाये. राज्यपाल की प्रोसिडिंग्स राजनीति से प्रेरित लगती है.

By Guru Swarup Mishra | November 15, 2022 7:11 PM
an image

Jharkhand News: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने अनगड़ा माइनिंग लीज आवंटन मामले में राज्यपाल व भारत निर्वाचन आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है. प्रार्थी हेमंत सोरेन (मुख्यमंत्री) की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने याचिका दायर की है. उन्होंने बताया कि याचिका में श्री सोरेन ने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 12 अगस्त 2022 को जो प्रोसिडिंग (मंतव्य) राज्यपाल के पास आयी है, उस पर वह कोई कार्रवाई नहीं करें. राज्यपाल को भारत निर्वाचन आयोग के मंतव्य पर किसी प्रकार की कार्रवाई करने से रोका जाये. राज्यपाल की प्रोसिडिंग्स राजनीति से प्रेरित लगती है.

सेकेंड ओपिनियन लेने का कोई प्रावधान नहीं है

मीडिया में राज्यपाल के हवाले से भारत निर्वाचन आयोग से सेकेंड ओपिनियन लेने की बात कही गयी है. सेकेंड ओपिनियन के पहले निर्वाचन आयोग कोई एक्शन लेता है या एक्ट करता है, तो उन्हें भी पक्ष रखने का अवसर मिलना चाहिए. याचिका में श्री सोरेन ने कहा है कि जहां तक सेकेंड ओपिनियन लेने की बात है, तो उसका कोई प्रावधान नहीं है. भारत निर्वाचन आयोग का जो मंतव्य राज्यपाल के पास आया है, उसके बारे में कुछ नहीं कहा जा रहा है. इससे राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा मिलता है.

Also Read: Jharkhand Foundation Day: झारखंड स्थापना दिवस पर रांची के मोरहाबादी से सीएम हेमंत सोरेन की 5 बड़ी घोषणाएं

नेचुरल जस्टिस के सिद्धांत का उल्लंघन

भारत निर्वाचन आयोग ने जो मंतव्य राज्यपाल को भेजा है. उसकी प्रति उन्हें मिलनी चाहिए. ऐसा नहीं होने से उनके मौलिक अधिकारों का हनन तो हो ही रहा है, इससे नेचुरल जस्टिस के सिद्धांत का भी उल्लंघन होता है. उल्लेखनीय है कि हेमंत सोरेन के अनगड़ा माइनिंग लीज आवंटन मामले में राज्यपाल से शिकायत की गयी थी. उसके बाद राज्यपाल ने संविधान की धारा-192(2) के तहत भारत निर्वाचन आयोग से ओपिनियन मांगी थी. आयोग ने अपना ओपिनियन राज्यपाल के पास भेज दिया है, लेकिन अब तक इसका खुलासा नहीं हुआ है.

Also Read: FIFA World Cup 2022: पूर्व फुटबॉलर कौसर ने मैच देखने के लिए खरीदा चार लाख का टिकट, परिवार संग कतर रवाना

अनगड़ा माइनिंग लीज आवंटन का ये है मामला

हेमंत सोरेन ने याचिका में कहा है कि अनगड़ा मौजा के खाता नंबर-187, प्लॉट नंबर-482, रकबा-0.88 डिसमिल की माइनिंग लीज 17 मई 2008 को 10 वर्षों के लिए (15 मई 2008 से लेकर 17 मई 2018) आवंटित हुई थी. छह जून 2018 को लीज अवधि समाप्त होने पर लीज नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया गया था, पर वह लैप्स कर गया. दिसंबर 2019 में विधानसभा चुनाव हुआ. गठबंधन दल के लीडर के तौर पर उन्होंने 29 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. 28 मई 2021 को उपायुक्त ने माइनिंग लीज आवंटन के लिए नये सिरे से आवेदन मांगा. उन्होंने स्टोन माइनिंग लीज के लिए आवेदन जमा किया. उन्होंने सेकेंड लीज ग्रांट किया. 23 नवंबर 2021 से लेकर 22 नवंबर 2026 तक के लिए पांच वर्षों के लिए माइनिंग लीज ग्रांट किया गया. 11 फरवरी 2022 को माइनिंग लीज सरेंडर कर दिया था. इसी दौरान शिव शंकर शर्मा ने हाईकोर्ट में पीआईएल (727/2022) दायर कर दी, जबकि भाजपा ने 14 फरवरी 2022 को राज्यपाल के पास पिटीशन फाइल कर विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने की मांग कर दी.

रिपोर्ट : राणा प्रताप, रांची

Exit mobile version