अनगड़ा अंचल में म्यूटेशन के 98% आवेदन लंबित, लोगों ने कार्यालय पर लगाया गंभीर आरोप
वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी यहां दाखिल-खारिज के 398 आवेदनों का निष्पादन हुआ. वहीं, 999 आवेदन निरस्त कर दिये गये. इस दौरान दाखिल-खारिज के कुल 1533 आवेदन प्राप्त हुए
अनगड़ा अंचल कार्यालय में रोजाना लोग अपने काम लेकर बड़ी उम्मीद के साथ पहुंचते हैं, लेकिन शाम को निराश होकर लौटते हैं. चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में दाखिल-खारिज के 98 प्रतिशत आवेदन लंबित हैं. पिछले तीन माह में अंचल कार्यालय में दाखिल-खारिज के 237 आवेदन आये हैं. इनमें से सिर्फ पांच का ही निष्पादन हुआ है, जबकि 111 आवेदन लंबित हैं. वहीं, आपत्ति के साथ लंबित आवेदनों की संख्या 121 है.
वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी यहां दाखिल-खारिज के 398 आवेदनों का निष्पादन हुआ. वहीं, 999 आवेदन निरस्त कर दिये गये. इस दौरान दाखिल-खारिज के कुल 1533 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें से अब भी 40 आवेदन लंबित हैं. वहीं, आपत्ति के साथ लंबित आवेदनों की संख्या 96 है. अंचल कार्यालय में अपने काम लेकर आनेवाले लोगों ने आरोप लगाया है कि कार्यालय दलाली संस्कृति के मकड़जाल में घिरा हुआ है.
यहां दाखिल-खारिज, भू-सीमांकन, सीएनटी अनुमति प्रतिवेदन, ऑनलाइन इंट्री और सुधार के काम धीमी गति से होती है. हालांकि, आय, जाति व आवासीय प्रमाण पत्र समय पर बना दिया जाता है. दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी आवेदकों को बेवजह दौड़ाया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि पूरे अंचल क्षेत्र में ऑनलाइन इंट्री के कम से कम 50 हजार से अधिक प्लॉट छूटे हुए हैं. ऑनलाइन प्लॉट इंट्री कराना सबसे मुश्किल काम है.
ऑनलाइन के लिए तीन बार किया आवेदन, नहीं हुई खतियानी भूमि की इंट्री :
जोन्हा के अशोक साहू ने बताया कि उन्होंने अपने खतियानी भूमि के ऑनलाइन इंट्री के लिए तीन बार आवेदन दिया, लेकिन इंट्री नहीं हुई. अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर मूल पंजी-2 में सिर्फ खाता संख्या व रकबा का ही जिक्र है, इसमें खेसरा का जिक्र ही नहीं है, जिसके कारण भूमि का ऑनलाइन इंट्री करने में तकनीकी समस्या आ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि कई तरह के बहाने बताकर ऑनलाइन इंट्री नहीं की जाती है. वैसे तो जमीन की खरीद-बिक्री (रजिस्ट्री) मूल पंजी-2 के आधार पर हो जाती है, लेकिन दाखिल-खारिज करने के लिए ऑनलाइन इंट्री जरूरी है. ऑनलाइन इंट्री नहीं करने के कई कारण बताये जाते हैं.