Ranchi news : 11 वर्षों में भी नहीं बना पशुपालन विभाग का वैक्सीन लैब

2014 में इसका निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन अब तक निर्माण पूरा नहीं हो सका है. तीन साल पूर्व मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान इसे जल्द पूरा करने का निर्देश दिया था.

By Prabhat Khabar News Desk | February 14, 2025 8:20 PM
an image

मनोज सिंह, रांची.

पशुपालन विभाग के अत्याधुनिक वैक्सीन लैब (जीएमपी) का निर्माण 11 वर्षों में भी पूरा नहीं हुआ. लैब का निर्माण कांके स्थित पशु स्वास्थ्य उत्पादन संस्थान (एलआरएस) परिसर में हो रहा है. 2012 में इसके निर्माण के लिए राज्यादेश निकाला गया था. 2014 में इसका निर्माण शुरू हुआ था. लेकिन, अब तक निर्माण पूरा नहीं हो सका है. 2022 में 25 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ने भी इसका निरीक्षण किया था. उन्होंने इसे जल्द पूरा करने का निर्देश दिया था. इससे पहले अपने कार्यकाल में विभागीय मंत्री रणधीर सिंह व बादल भी निरीक्षण कर चुके थे. दो दिन पहले कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने भी इसका निरीक्षण किया था. उन्होंने जल्द निर्माण करने का निर्देश दिया है. भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ भी इस मुद्दे पर बात की है. इसकी शुरुआती लागत 28 करोड़ रुपये थी. यहां गलाघोंटू, एंथ्रेक्स, स्वाइन फ्लू, रानीखेत आदि बीमारियों की वैक्सीन का निर्माण होना है.

एनडीडीबी उठा चुका है सवाल

एनडीडीबी (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) इस लैब की उपयोगिता पर पहले ही सवाल उठा चुका है. इसकी तकनीक पुरानी होने की बात कही गयी थी. पूर्व में लैब की तकनीकी पहलु को देखते हुए विभाग ने एक सलाहकार नियुक्त करने का निर्णय लिया था. सलाहकार यहां उत्पादित होनेवाली वैक्सीन के लिए जरूरी तकनीकी काम करायेगा. लैब के संचालन से पहले कई प्रकार के प्रमाण पत्र की जरूरत होती है. झारखंड में पशुपालन विभाग के वैज्ञानिकों को वैक्सीन उत्पादन करने की प्रक्रिया की जानकारी भी सलाहकार देगा. इसके बाद ही यह शुरू हो पायेगा.

विशेषज्ञ की नियुक्ति का है प्रावधान

पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान (एलआरएस) में विशेषज्ञ पशु चिकित्सक की नियुक्ति का प्रावधान है. इसकी नियमावली भी बनायी गयी थी. इसमें तय किया गया था पशु स्वास्थ्य में पीजी डिग्रीधारी पशु चिकित्सकों का ही यहां पदस्थापन होगा. यहां कम से कम छह साल के लिए पदस्थापन किया जायेगा. लेकिन, इस संस्थान में नियमावली का पालन नहीं हो रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version