Ranchi News: पशुओं का इलाज भी सहानुभूति के साथ होना चाहिए : रिम्स निदेशक
Ranchi News : रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार ने कहा है कि पशुओं का इलाज भी उसी गंभीरता, सहानुभूति और चिकित्सा सुविधाओं के साथ होना चाहिए, जैसा मनुष्यों के साथ होता है.
रांची. रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार ने कहा है कि पशुओं का इलाज भी उसी गंभीरता, सहानुभूति और चिकित्सा सुविधाओं के साथ होना चाहिए, जैसा मनुष्यों के साथ होता है. उनको भी रोग नियंत्रण, जांच और क्लीनिकल सुविधाओं का उतना ही अधिकार है. निदेशक शुक्रवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय में ‘पशु स्वास्थ्य, प्रबंधन एवं कल्याण का भावी दृष्टिकोण : चुनौतियां और अवसर”” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में बोल रहे थे. मौके पर पूर्ववर्ती विद्यार्थियों का सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है. डॉ राजकुमार ने कहा कि पाटलिपुत्र के सम्राट अशोक ने दुनिया का पहला पशु चिकित्सालय स्थापित किया था. वहां जांच, चिकित्सा, ठहराव और क्वारेंटाइन सुविधाएं उपलब्ध थीं. भारतीय इतिहास में महात्मा बुद्ध का समय सर्वाधिक गौरवशाली था.
परंपरागत ज्ञान आधुनिक चिकित्सा की
रीढ़
बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि परंपरागत ज्ञान आधुनिक विज्ञान की रीढ़ है. दोनों का संतुलित मिश्रण कृषक समुदाय की बेहतरी के लिए ज्यादा योगदान दे सकता है. पूर्ववर्ती छात्र तथा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली के अवकाश प्राप्त प्रधान वैज्ञानिक डॉ डीके सिंह ने भी विचार रखे. स्वागत भाषण वेटनरी संकाय के डीन डॉ सुशील प्रसाद ने किया. आरवीसी और रिम्स का भवन 60 के दशक में एक साथ बनाया गया था. उन्होंने कहा कि वेटनरी कॉलेज में शिक्षकों की संख्या 105 से घटकर 32 हो गयी है. औषधि विभाग के अध्यक्ष एवं आयोजन सचिव डॉ प्रवीण कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.
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