रांची. भारत सरकार के सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (क्षेत्र संकार्य प्रभाग) की ओर से एक जनवरी से अन ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण किया जायेगा. यह सर्वे 31 दिसंबर 2025 तक चलेगा. इस क्रम में सबसे पहले परिवारों व गैर कृषि प्रतिष्ठानों से डाटा एकत्र किया जायेगा. उसके बाद सैंपल के आधार पर उसमें से विभिन्न तरह के प्रतिष्ठानों से डाटा एकत्र किया जायेगा. इसके तहत सभी अन ऑर्गेनाइज्ड प्रतिष्ठान, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सेवा प्रतिष्ठान जैसे प्राइवेट स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, जिम, ट्रांसपोर्ट, कूरियर सेवा, बीमा सेवा, रियल एस्टेट, माइक्रोफाइनेंस, सूचना सेवा, हॉस्टल, रेस्टोरेंट आदि के आय-व्यय, पूंजी, लागत, लोन, ब्याज, चल एवं अचल पूंजी, आमदनी आदि का डाटा लिया जायेगा. वहीं गैर अधिसूचित प्रतिष्ठानों को चलाने में आने वाली कठिनाइयों का भी डाटा एकत्र किया जायेगा.
अन ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के प्रतिष्ठानों का कोई संगठित डाटा नहीं
देश में अन ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के प्रतिष्ठानों का सकल घरेलू उत्पाद में 50 प्रतिशत से भी अधिक योगदान है पर, इसका कोई संगठित डाटा नहीं है. ऐसे में पांच वर्षों से इसका डाटा एकत्र किया जा रहा है. इस क्रम में 21 दिसंबर को तुपुदाना में एक दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया. इसका उदघाटन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के झारखंड राज्य प्रमुख उप महानिदेशक विनीत कुमार ने किया. मौके पर बड़ी संख्या में अधिकारी व संविदाकर्मी मौजूद थे. उन्होंने सर्वेक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला. कहा कि अन ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के उद्यमों का सर्वेक्षण अंडमान निकोबार के दुर्गम इलाकों को छोड़ कर पूरे देश में किया जाना है.
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