रांची : झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) की एक मस्जिद (Mosque) से पुलिस ने 24 मौलवियों (Muslim Scholars) को हिरासत में लिया है. ये लोग मलयेशिया (Malayasia), वेस्ट इंडीज (West Indies), पोलैंड (Poland), दिल्ली (Delhi), हैदराबाद (Haiderabad) और कुर्ला (Kurla) के रहने वाले हैं. इनमें 8 मलयेशिया के जबकि 2 झारखंड के हैं. सभी को सोमवार (30 मार्च, 2020) को तड़के पुलिस ने हिरासत में लिया और खेलगांव (Khelgaon) स्थित क्वारेंटाइन सेंटर (Quarantine Centre) पहुंचा दिया. रिम्स (RIMS) की मेडिकल टीम इनके खून के नमूने लेकर उसकी कोरोना (Coronavirus) जांच करेगी. पुलिस इनके यहां आने की वजह और इनकी अब तक की गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी जुटा रही है. ये सभी खुद को धर्म प्रचारक बता रहे हैं. बताया जाता है कि सभी लोग जनवरी से ही यहां हैं.
डीएसपी का कहना है कि ये सभी कथित धर्म प्रचारक हिंदीपीढ़ी में ग्वाल टोली के समीप स्थित बड़ी मस्जिद में किसी जमात में शामिल होने आये थे. इससे पहले 19 मार्च, 2020 को रांची पुलिस ने तमाड़ से चीन, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान से आये 11 मौलवियों को गिरफ्तार किया था. मुसाबनी पुलिस केंद्र में उन सभी से पूछताछ चल रही है. उनसे पूछताछ के बाद सीबीआइ और एनआइए की टीम उत्तर प्रदेश के मेरठ समेत अन्य ठिकानों पर छापामारी कर रही है.
बताया जा रहा है कि पकड़े गये लोगों में आठ मलेशिया के, तीन इंग्लैंड, दो वेस्टइंडीज, एक हॉलैंड, एक बंग्लादेश, दो साउथ अफ्रीका के गांबिया के और तीन दिल्ली, एक गुजरात और एक मुंबई के रहने वाले हैं. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पिछले कुछ दिनों से हिंदपीढ़ी बड़ी मस्जिद में दर्जनों विदेशी नागरिक छिप कर रह रहे हैं. इसी सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मेडिकल टीम को बुलाकर वहां रह रहे सभी को खेल गांव स्थित आइसोलेशन वार्ड में भेजा.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी विदेशी नागरिक लगभग एक माह पहले रांची स्थित बड़ी मस्जिद पहुंचे थे. इसी दौरान अचानक कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर लॉकडाउन की घोषणा किये जाने के बाद सभी मस्जिद में ही रुक गये. 14 दिनों तक आइसोलेशन वार्ड में रहने की डर से सभी मस्जिद में छिपे हुए थे. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
इस बीच, पिछले दिनों संदेह के आधार पर रांची के तमाड़ से गिरफ्तार किये गये 11 विदेशी मुसलमानों के झारखंड आने के राज खुलने लगे हैं. देश की दो सबसे तेज-तर्रार जांच एजेंसियां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इनसे घंटों पूछताछ के बाद उत्तर प्रदेश के मेरठ समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी है.
चीन से आये और तमाड़ से पकड़े गये 11 मौलवियों से पूर्वी सिंहभूम के मुसाबनी स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में पूछताछ चल रही है. इन सभी से झारखंड पुलिस की क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम (सीआइटी) व स्पेशल ब्रांच की टीम पहले ही पूछताछ कर चुकी है. चूंकि इन लोगों में से तीन चीन से आये थे, सभी को क्वारंटाइन में रखा गया और उनकी कोरोना संक्रमण की जांच करवायी गयी.
सभी की जांच रिपोर्ट आ गयी है. कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं मिला है. इन मौलवियों का कहना है कि सरायकेला-खरसावां जिला के कपाली में एक कार्यक्रम का आयोजन होना था, जिसमें शामिल होने के लिए ये लोग झारखंड आये थे. इनका कहना है कि ये लोग इस्लामिक स्कॉलर हैं और अपने धर्म का प्रचार करने के लिए यहां आये थे. 19 मार्च, 2020 को सभी दिल्ली से रांची पहुंचे थे. उनके पास पासपोर्ट व वीजा भी हैं. इनके पासपोर्ट और वीजा जब्त कर लिये गये हैं.
कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित चीन, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के नागरिक इन मौलवियों के तमाड़ के रड़गांव के एक मस्जिद में ठहरे होने की सूचना पर हड़कंप मच गया था. एक साथ 11 विदेशी मौलवियों के भारत में होने सूचना ने सुरक्षा एजेंसियों के भी होश उड़ा दिये. शनिवार को ही सीबीआइ और एनआइए के अधिकारियों ने मामले की पूरी गहराई से तफ्तीश की. सभी मौलवियों से बारी-बारी से घंटों पूछताछ हुई.
दूसरी तरफ, रांची के ग्रामीण एसपी ऋषभ कुमार ने बताया कि सभी 11 मौलवियों को संदिग्ध मानते हुए जांच एजेंसियां इनकी कुंडली खंगाल रही हैं. सभी के दस्तावेज चेक किये गये हैं. इन लोगों का कहना है कि ये सभी मुस्लिम कल्चर पर अध्ययन के लिए भारत आये हैं. सभी के पासपोर्ट और वीजा जब्त कर लिये गये हैं. ऋषभ कुमार ने बताया कि ये सभी मौलवी डेढ़ महीने से भारत में हैं.