रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने 11वीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के पीटी में ओएमआर शीट रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही अदालत ने जेपीएससी को प्रार्थी के लिए 11वीं संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा का एक सीट रिजर्व रखने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 14 जून की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि पीटी के दौरान प्रार्थी मयंक कुमार सिंह ने अपने रोल नंबर भरनेवाले स्थान में एक अंक भरने में गलती कर दी थी, जिसे उसने परीक्षा के दौरान ही सुधार भी कर दिया था. इसके बावजूद अोएमआर शीट रद्द कर दिया गया. अंतिम उत्तर कुंजी के अनुसार प्रार्थी को पीटी में अनारक्षित कोटि में 244 कट ऑफ मार्क्स से अधिक 292 अंक प्राप्त हुआ है, लेकिन जेपीएससी ने हाइपर टेक्निकल ग्राउंड में ओएमआर शीट को रद्द कर दिया है, जो उचित नहीं कहा जा सकता है. अधिवक्ता श्री वत्स ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न केस के फैसले का उदाहरण देते हुए बताया कि इसी तरह के कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया है. पिछली परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं में जेपीएससी ने कुछ अभ्यर्थियों द्वारा इसी तरह की गलती करने पर उनका ओएमआर शीट रद्द नहीं किया था. वर्ष 2016 में राज्य सरकार ने संकल्प जारी की थी, जिसमें जेपीएससी को निर्देश दिया गया था कि सिविल सेवा परीक्षा में टेक्निकल ग्राउंड पर परीक्षा का ओएमआर शीट रद्द नहीं किया जाये. इसके बावजूद भी जेपीएससी ने प्रार्थी का ओएमआर शीट रद्द कर दिया है. अधिवक्ता श्री वत्स ने अदालत को यह भी बताया कि मुख्य परीक्षा 21 जून से प्रस्तावित है.
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