रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने नर्सिंग होम व अस्पतालों से निकलनेवाले बायो मेडिकल कचरा के साइंटिफिक निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुना. मामले में राज्य सरकार व झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दलील में विरोधाभास को देखते हुए खंडपीठ जानना चाहा कि कहा-कहां बायो मेडिकल कचरे के निष्पादन के लिए ट्रीटमेंट प्लांट संचालित है. किस-किस जिले में बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगा है और वह फंक्शनल है या नहीं. इसको लेकर विस्तृत जवाब दायर करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2025 को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता समावेश भंज देव ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड ह्यूमेन राइट्स काॅन्फ्रेंस की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो के अस्पतालों व नर्सिंग होम से निकलनेवाले मेडिकल कचरे के उचित निष्पादन की मांग की है.
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