उर्दू शिक्षक नियुक्ति मामले में हाइकोर्ट ने सरकार व जेएसएससी से मांगा जवाब
मामला उर्दू शिक्षक अभ्यर्थियों से नियुक्ति के लिए स्नातक के बदले स्नातकोत्तर की डिग्री मांगने का
रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने हाइस्कूल उर्दू शिक्षक अभ्यर्थियों से नियुक्ति के लिए स्नातक के बदले स्नातकोत्तर की डिग्री मांगने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही अगली सुनवाई के लिए 19 जून की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि जेएसएससी ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के लिए जो विज्ञापन जारी किया था, उसमें शैक्षणिक अर्हता स्नातक स्तर रखी गयी थी. परीक्षा ली गयी तथा आयोग ने अभ्यर्थियों की अनुशंसा भी कर दी, लेकिन राज्य सरकार ने यह कहते हुए नियुक्ति नहीं की कि इनके पास उर्दू विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री नहीं है. स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक की नियुक्ति में स्नातकोत्तर की डिग्री आयोग ने मांगी ही नहीं थी. इसी विज्ञापन के तहत पूर्व में स्नातक प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की उर्दू शिक्षक के पद पर नियुक्ति भी कर दी गयी है. उन्हें नियमित रूप से वेतन भी दिया जा रहा है, लेकिन अब विभाग स्नातकोत्तर की डिग्री मांग रहा है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी नुरूमुद्दीन अंसारी व अन्य की ओर से याचिका दायर कर नियुक्ति की मांग की गयी है.
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