नीट विवाद : एंटी पेपर लीक कानून को कठोर बनाने की जरूरत
नीट यूजी 2024 की परीक्षा विवादों के घेरे में है. पेपर लीक से जुड़े मामले देशभर से सामने आ रहे हैं
रांची. नीट यूजी 2024 की परीक्षा विवादों के घेरे में है. पेपर लीक से जुड़े मामले देशभर से सामने आ रहे हैं. इस बीच केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये एंटी पेपर लीक कानून का विशेषज्ञों ने स्वागत किया है. लेकिन उनका कहना है कि इसके प्रावधान को और कठोर बनाने की आवश्यकता है. मेडिकल प्रवेश परीक्षा के विशेषज्ञ सह बायोम इंस्टीट्यूट के निदेशक पंकज सिंह ने कहा कि एंटी पेपर लीक कानून को वर्षों पहले लागू करना चाहिए था. केंद्र सरकार ने परीक्षा में धांधली पर जो सजा और जुर्माना लगाने की बात कही है, इसमें बदलाव की जरूरत है. फिलहाल कानून का उल्लंघन करने पर 10 साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगेगा. जबकि, मेडिकल प्रवेश परीक्षा में यह रकम आसानी से दो छात्र के जरिये वसूली जा सकती है. प्रावधान के तहत जुर्माने की रकम को पांच से 10 करोड़ रुपये तक और 10 वर्ष की जगह 20 वर्ष तक की सजा का प्रावधान करना होगा. इससे पेपर लीक की धांधली कम हो सकती है. पंकज सिंह ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के लिए होनेवाली प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी साल-दर-साल किसी एक एंजेंसी पर नहीं होनी चाहिए. एंजेसी में नियमित रूप से बदलाव होना चाहिए. अलग-अलग एजेंसी होने पर पेपर लीक जैसी समस्या नहीं होगी. इसके साथ ही नीट यूजी को जेइइ मेंस की तरह करने की जरूरत है. संभव हो तो पीटी व मेंस परीक्षा की तर्ज पर व्यवस्था को लागू करना चाहिए. इससे विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा. साथ ही आगे परीक्षा में पेपर लीक जैसी घटना दोबारा नहीं हो पायेगी.
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