Jharkhand News: 13 साल बाद भी नहीं बन सका CUJ के लिए एप्रोच रोड

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड (CUJ) के लिए एप्रोच रोड 13 साल बाद भी नहीं बन सका है. विवि कैंपस की सड़क व जमीन का मसला सुलझाने के लिए केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री, राज्यपाल, सांसद, विधायकों के साथ कई बार बैठकें हुईं, लेकिन स्थिति जस की तस है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 24, 2022 10:46 AM

Ranchi News: केंद्रीय विवि झारखंड (CUJ) के लिए कांके के चेरी-मनातू गांव में 13 साल बाद भी रिंग रोड से कैंपस तक (दो किमी) पहुंच पथ (एप्रोच रोड) नहीं बन पाया है. भूमि अधिग्रहण कर राज्य पथ निर्माण विभाग को इसे बनाना है. वहीं, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से करीब तीन किलोमीटर सड़क की मरम्मत की जानी है.

राज्य सरकार की ओर से विवि कैंपस के लिए 319.28 एकड़ जमीन हस्तांतरित की गयी है, लेकिन सत्यापन के बाद पाया गया कि लगभग 101 एकड़ गैरमजरूआ जमीन की दोहरी जमाबंदी हो गयी है. प्रथम चरण में 15.82 एकड़ रैयती जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, जो अब तक संभव नहीं हो पाया है. विवि कैंपस की सड़क, परिसर में भूमि अधिग्रहण, पेयजल के लिए पाइप बिछाने, चहारदीवारी व विद्युत सब स्टेशन का काम राज्य सरकार के अधीन संबंधित विभाग को कराना है, लेकिन 13 साल बाद भी यह संभव नहीं हो पाया है.

Also Read: CUJ की पूजा कुमारी को मिला बेस्ट रिसर्च पेपर का अवॉर्ड, राष्ट्रीय मीडिया कॉन्क्लेव में ली थी हिस्सा

विवि कैंपस की सड़क व जमीन का मसला सुलझाने के लिए केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री, राज्यपाल, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, उपायुक्त, विभागीय अधिकारियों, विवि अधिकारियों व ग्रामीणों के साथ कई बार बैठकें हुईं, लेकिन स्थिति जस की तस है. जिस भूमि अधिग्रहण में मुआवजा के लिए राज्य सरकार ने 2011 में जो रेट तय किया था, उसमें अब कई गुना की वृद्धि हो गयी है. राशि 100 करोड़ से बढ़ कर 650 करोड़ तक पहुंच गयी है.

देश-विदेश से पढ़ने आते हैं विद्यार्थी

इस विवि में देश-विदेश से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. यहां यूजी के 18 विषय, पीजी के 26 विषय व पीएचडी के 16 विषय की पढ़ाई होती है. मनातू परिसर में छात्र-छात्राओं के रहने के लिए हॉस्टल की व्यवस्था की जा रही है. विवि में लगभग तीन हजार विद्यार्थी व लगभग 500 शिक्षक, अधिकारी व कर्मचारी हैं. लेकिन, बदहाल सड़क व अधूरा कैंपस परेशानी का सबब बन गया है. रांची के उपायुक्त ने विवि कैंपस का दौरा कर ग्रामसभा भी करायी, लेकिन विभिन्न मद में होने वाले खर्च का अबतक आकलन नहीं हो सका.

Next Article

Exit mobile version