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झारखंड में औद्योगिक नीति समेत इन नीतियों पर मिली मंजूरी, जानें इसे लेकर सरकार का क्या है पूरा रोड मैप

कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि मंगलवार को कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गयी. उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने राज्य की विलुप्त हो रही लोककलाओं व परंपराओं के विस्तार के लिए गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत प्रशिक्षण नियम 2021 के गठन को मंजूरी दी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2021 7:32 AM

Jharkhand Government Industrial Policy 2021 रांची : कैबिनेट ने उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 को स्वीकृति प्रदान की. यह नीति एक अप्रैल 2021 से लागू मानी जायेगी. इसके तहत राज्य में पांच लाख रोजगार के अवसर पैदा करने और एक लाख करोड़ निवेश प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है. नीति में टेक्सटाइल एंड अपेरल्स, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, एग्रो फूड एंड मीट प्रोसेसिंग, फार्मास्युटिकल व इलेक्ट्राॅनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग को उच्च प्राथमिकतावाले क्षेत्रों के रूप में चिह्नित करते हुए रोडमैप तैयार किया गया है.

कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि मंगलवार को कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गयी. उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने राज्य की विलुप्त हो रही लोककलाओं व परंपराओं के विस्तार के लिए गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत प्रशिक्षण नियम 2021 के गठन को मंजूरी दी.

इसके मुताबिक राज्य में लोककलाओं के संरक्षण एवं विकास के लिए चयनित प्रशिक्षुओं को विधा में प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा. प्रशिक्षुओं का चयन विज्ञापन के माध्यम से किया जायेगा. एक वित्तीय वर्ष में दो चयनित विधाओं का चयन कर प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण के लिए गुरु को 12,000 रुपये व गुरु द्वारा चयनित सहयोगी काे 7,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जायेगा.

हर विधा में अधिकतम 10 चयनित प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा. प्रशिक्षुओं के आवास व भोजन पर तीन हजार रुपये प्रतिमाह खर्च किये जायेंगे. एक विधा के लिए दो वर्षों की प्रशिक्षण अवधि में कुल 11.88 लाख रुपये व्यय का आकलन किया गया है.

बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए जेसीइबी तैयार करेगा मेधी सूची

कोविड-19 के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों के कारण राज्य में नियमित प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो पा रहा है. इसे देखते हुए कैबिनेट ने मान्यता प्राप्त बीएड महाविद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष 2021-23 में नामांकन के लिए संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित किये बिना मेधा सूची तैयार करने व काउंसिलिंग एजेंसी के रूप में झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा बोर्ड (जेसीइबी), रांची को प्राधिकृत करने का फैसला किया है.

एनसीटीइ रेगुलेशन 2014 के मुताबिक स्नातक के समय क्वालिफाइंग मार्क्स पर मेधा सूची तैयार की जायेगी. साथ ही अंतिम वर्ष सेमेस्टर की परीक्षा में हिस्सा लेनेवाले विद्यार्थियों को भी कोर्स के तहत आवेदन करने की अनुमति होगी. यह फैसला केवल शैक्षणिक सत्र 2021-23 के लिए किया गया है. कैबिनेट ने कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए बसों को झारखंड मार्ग कर भुगतान में विलंब दंड शुल्क से छूट देने का निर्णय लिया. इसके तहत अंतरराज्यीय व सभी मंजिली वाहनों, स्कूल बसों और सिटी बसों काे मार्ग कर भुगतान में विलंब दंड शुल्क से छूट प्रदान की जायेगी.

कैबिनेट की बैठक. छह प्रस्तावों को दी गयी मंजूरी

लोक कलाओं के संरक्षण व विकास के लिए प्रशिक्षण नियम 2021 के गठन को मंजूरी

बस संचालकों को कर भुगतान में विलंब दंड शुल्क से मिलेगी छूट

राज्य में खुलेंगे निवेश के द्वार : हेमंत सोरेन

राज्य की नयी उद्योग नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस नयी उद्योग नीति के लागू हो जाने से निवेशकों को निवेश में सहुलियत होगी. वह बेहतर तरीके से निवेश कर सकेंगे.

झारखंड में उद्योग लगाने पर 6.25 करोड़ रुपये तक मिलेगा इंसेंटिव

रांची. कैबिनेट द्वारा स्वीकृत झारखंड इंडस्ट्रियल एंड इंवेस्टमेंट प्रोमोशन पॉलिसी 2021 एक अप्रैल 2021 से अगले पांच वर्षों तक प्रभावी रहेगी. राज्य के एक्सपोर्ट पोटेंशियल को देखते हुए तैयार की गयी नीति में उद्योगों के लिए किये जाने वाले पूंजी निवेश का 25 प्रतिशत इंसेंटिव के रूप में प्रदान की जायेगी.

इंसेंटिव के रूप में उद्यमियों को अधिकतम 6.25 करोड़ रुपये तक मिलेगा. नयी नीति के मुताबिक, राज्य में लगनेवाली माइक्रो इंडस्ट्री के लिए एक करोड़ रुपये, स्माॅल स्केल इंडस्ट्री के लिए पांच करोड़ और मीडियम स्केल इंडस्ट्री के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये के निवेश पर इंसेटिव प्रदान की जायेगी.

वहीं, बड़े उद्योगों के लिए इंसेटिव प्राप्त करने की अधिकतम सीमा 25 करोड़ रुपये का निवेश आवश्यक होगा. इसके अलावा सभी वर्ग की महिलाओं को निवेश पर पांच प्रतिशत का अतिरिक्त इंसेंटिव प्रदान किया जायेगा. राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस वापस करने का प्रावधान किया गया है.

साथ ही 10 लाख रुपये तक के क्वालिटी सर्टिफिकेशन पर होनेवाले खर्च का 100 प्रतिशत भी बतौर सहयोग राज्य सरकार उद्यमियों को प्रदान करेगी. नीति में उद्यमियों को राज्य सरकार द्वारा वसूले जाने वाले जीएसटी (एसजीएसटी) में भी राहत देने का नियम बनाया गया है. एमएसएमइ को पांच वर्षों तक 100 प्रतिशत एसजीएसटी लौटा दी जायेगी. लार्ज यूनिट को सात वर्षों तक और मेगा यूनिट को नौ साल तक यह सुविधा मिलेगी.

वहीं, अल्ट्रा लार्ज यूनिट को 12 वर्षों तक 75 प्रतिशत एसजीएसटी वापस की जायेगी. राज्य की नयी उद्योग नीति में नये कैप्टिव पॉवर प्लांट की स्थापना के लिए 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी अगले पांच वर्षों तक वापस करने की बात कही गयी है. उद्यमियों को सभी तरह का शुल्क जमा करना होगा. बाद में उनको प्रावधान के मुताबिक राज्य सरकार राशि वापस करेगी.

नयी उद्योग नीति की अधिसूचना जारी होने के दो वर्षों के अंदर उद्योग स्थापित करने पर राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त पांच प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी प्रदान की जायेगी. इसके अलावा माइक्रो यूनिट्स को 15 लाख तक के निवेश पर पांच वर्षों तक पांच प्रतिशत इंटरेस्ट सब्सिडी दी जायेगी.

स्मॉल यूनिट को 50 लाख तक के निवेश पर पांच प्रतिशत, मीडियम यूनिट के लिए एक करोड़ तक के निवेश पर पांच प्रतिशत की इंटरेस्ट सब्सिडी अधिकतम पांच वर्षों तक प्रदान की जायेगी. जबकि, लार्ज और अल्ट्रा लार्ज यूनिट को तीन करोड़ तक के निवेश पर पांच प्रतिशत की एनुअल इंटरेस्ट सब्सिडी अगले पांच वर्षों वर्षों तक दी जायेगी.

आउटसोर्स कर्मियों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि

कैबिनेट ने कोविड-19 के कार्यों में प्रतिनियुक्त आउटसोर्स कर्मियों को उनके एक माह के मानदेय के अनुरूप प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का फैसला किया. इससे राजस्व पर 16.25 करोड़ का बोझ बढ़ने का अनुमान है. मंत्रिमंडल ने अनुबंध पर कार्यरत हेल्थकेयर प्रोफेशनल की सेवाएं इमरजेंसी कोविड रिस्पांड प्लान के माध्यम से स्वीकार करने की अनुमति प्रदान की.

कोविड ड्यूटी के लिए प्रोफशनल्स को छह माह तक अनुबंध पर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. मेडिकल फाइनल इयर पीजी के छात्रों को 3,500 रुपये, एमबीबीएस डॉक्टर्स को 2000, इंटर्न को 1500, फाइनल इयर एमबीबीएस छात्र को 1200, एलाइट हेल्थ केयर प्रोफेशनल को 800 व बीएससी नर्सिंग जीएनएम को 550 रुपये प्रतिदिन का मानदेय प्रदान किया जायेगा.

Posted By : Sameer Oraon

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