अरगोड़ा अंचल कार्यालय में दाखिल-खारिज कराना तो मुश्किल है ही, यहां जाति व आवासीय प्रमाणपत्र बनवाना भी नाकों चने चबाने जैसा है. फिलहाल यहां दाखिल-खारिज के 804 और एसटी सर्टिफिकेट के 82 आवेदन लंबित हैंं. इसके अलावा ईबीसी-1 व बीसी-2 जाति प्रमाणपत्र के 95 आवेदन लंबित हैं.
आमलोगों के लिए यहां कोई भी काम कराना आसान नहीं है, क्योंकि हर काम के लिए दलाल हावी हैं. सूत्रों का कहना है कि लोगों को परेशान करने के लिए जानबूझ कर आवेदन लंबित रखे जाते हैं. यहां काम लेकर आनेवाले लोगों का कहना है कि राजस्व रसीद अपडेट कराने, रजिस्टर-2 में नाम चढ़ाने के लिए भी लोगों को दौड़ाया जाता है. ऑनलाइन आवेदन बिना वजह रद्द कर दिये जाते हैं.
राजस्व कर्मचारी एक काम के लिए कई टेबलों के चक्कर लगवाते हैं. दलाल सबसे ज्यादा दाखिल-खारिज के लिए परेशान लोगों को अपने चंगुल में फंसाते हैं और मनमाना पैसा वसूलते हैं. प्रति डिसमिल 3000 रुपये लेकर दलाल आसानी से दाखिल-खारिज करा देते हैं. हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि किसी काम में जानबूझ कर देरी नहीं की जाती है. पर्याप्त कागजात नहीं रहने के कारण आवेदन लंबित रहता है.
अरगोड़ा अंचल कार्यालय में इडब्ल्यूएस के 41 आवेदन लंबित हैं. प्रमाणपत्र जारी नहीं होने से विद्यार्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा. उन्हें सामान्य कोटा के हिसाब से ही नामांकन लेना पड़ रहा है.
प्रमाण पत्र लंबित मामले
इबीसी-1 व ईबीसी-2 जाति प्रमाणपत्र 75
ओबीसी प्रमाणपत्र 24
एससी प्रमाणपत्र 26
एसटी प्रमाणपत्र 82
इडब्ल्यूएस 44
दाखिल-खारिज 804
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