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मध्यप्रदेश सीएम और छत्तीसगढ़ सीएम के चयन में अहम भूमिका निभाएंगे झारखंड के ये दो नेता

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और भाजपा की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा को विधानसभा चुनाव 2023 के बाद बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. अर्जुन मुंडा को छत्तीसगढ़ का केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है.

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद अब सरकार गठन की तैयारी शुरू हो गई है. सबसे पहले इन राज्यों में तय होगा कि यहां मुख्यमंत्री कौन बनेंगे. इसके लिए झारखंड के दो नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय जनजातीय मामलों के साथ-साथ कृषि मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे अर्जुन मुंडा को छत्तीसगढ़ में पार्टी विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. रांची की निवर्तमान मेयर आशा लकड़ा को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें मध्यप्रदेश का सह-पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. अर्जुन मुंडा छत्तीसगढ़ में विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे और निर्वाचित विधायकों की बैठक के बाद केंद्रीय कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. वह बताएंगे कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में जीतने वाले विधायक अपने बीच से किसे मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. इसी तरह भाजपा की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा मध्यप्रदेश में होने वाली विधायक दल की बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ सह-पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगी. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने यह जानकारी दी है.

कांग्रेस ने उठाया था ये सवाल

बता दें कि इस साल पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनी है. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में बहुमत के साथ भाजपा सत्ता में आई है. चार दिन बाद भी इन राज्यों में मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो पाया है. इस पर कांग्रेस पार्टी ने एक दिन पहले ही सवाल उठाए थे. कहा था कि बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद भी भाजपा तीन राज्यों में अपने मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं कर पाई है. अब उनसे कोई सवाल क्यों नहीं पूछता.

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पर्यवेक्षक की निगरानी में होती है विधायक दल की बैठक

ज्ञात हो कि किसी भी राज्य में सरकार गठन से पहले विधायक दल की बैठक होती है और उसी में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगती है. विधायक दल की बैठक पर्यवेक्षक की निगरानी में होता है. विधायकों की राय लेने के बाद पर्यवेक्षक केंद्रीय कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपते हैं, जिसके बाद उस राज्य के मुख्यमंत्री का नाम तय होता है. अर्जुन मुंडा को छत्तीसगढ़ में यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह पर्यवेक्षक बनाए गए हैं. आशा लकड़ा मध्यप्रदेश में मनोहर लाल खट्टर के साथ सह प्रभारी बनाई गईं हैं.

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