झारखंड में सात साल में 354 को ही मिला आर्म्स लाइसेंस, 3,016 लोगों ने किया था आवेदन

आवेदकों ने लगातार धमकी मिलने और जान का जाने का खतरा का जिक्र किया है. वहीं, कई रसूखवाले लोगों ने भी हथियार जारी करने का आवेदन दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 31, 2023 8:21 AM

रांची जिले में बीते सात साल में 3,016 लोगों ने अपराधियों से मिल रही धमकी और आत्मरक्षा का हवाला देते हुए हथियार के लाइसेंस के लिए अर्जी दी है. इनमें से मात्र 354 लोगों के आवेदन पर विचार करते हुए इन्हें लाइसेंस जारी किया गया. हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन करनेवालों में व्यापारी, बिल्डर, डॉक्टर, जनप्रतिनिधि, पुलिस अफसर, सेना के जवान और पत्रकार शामिल हैं. हालांकि, आवेदन के साथ आवश्यक जांच की प्रक्रिया पूरी करने के बाद करीब 12 फीसदी लोगों को ही हथियार के लाइसेंस जारी किये गये हैं.

आवेदकों ने लगातार धमकी मिलने और जान का जाने का खतरा का जिक्र किया है. वहीं, कई रसूखवाले लोगों ने भी हथियार जारी करने का आवेदन दिया है. इन्होंने अपने आवेदन में अपने व्यापार के बढ़ते दायरे का हवाला देते हुए भविष्य में आनेवाले संभावित खतरों का जिक्र किया है. सबसे खास बात यह है कि मौजूदा समय में आ रहे आवेदनों में पिस्टल और रिवाल्वर की डिमांड सबसे ज्यादा है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इन हथियारों को पास रखना और इनका इस्तेमाल करना बेहद आसान है. हालांकि, पहले एकनाली और दोनाली बंदूक की मांग रहती थी. इधर, सूत्रों ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से अब तक उन्हीं कुछ लोगों को हथियार के लाइसेंस जारी किये गये हैं, जिनके जान को वाकई में बहुत ज्यादा खतरा है.

कोरोना काल में ज्यादा को मिला लाइसेंस :

वर्ष 2020 और 2021 कोरोना काल रहा, लेकिन इस वक्त सबसे ज्यादा आवेदन भी आये और लाइसेंस भी जारी किये गये. आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में 554 लोगों ने हथियार के लाइसेंस की अर्जी दी, जिसमें से 56 को लाइसेंस जारी किये गये. वहीं, 2021 में आये 546 आवेदनों के विरुद्ध 60 लोगों को लाइसेंस जारी किया गया.

वर्ष 2014 में सबसे ज्यादा 101 को मिला लाइसेंस :

वर्ष 2014 में सबसे ज्यादा 101 लोगों को हथियार का लाइसेंस दिया गया था. इस वर्ष 468 लोगों ने लाइसेंस के लिए अर्जी दी. इनमें से 101 के आवेदन पर विचार कर प्रशासन से लाइसेंस जारी किया. वर्ष 2014 चुनाव का वर्ष रहा, जिसमें लोकसभा और विधानसभा का चुनाव हुआ था. ऐसे में चुनावी साल में ज्यादा लाइसेंस दिये गये.

ऐसे मिलता है हथियार का लाइसेंस

जिला प्रशासन के पास हथियार का आवेदन आने पर उसे संबंधित थाना को भेजा जाता है. आवेदन पर थाना के इंस्पेक्टर द्वारा आवेदन की जांच की जाती है. इसके बाद इसकी जानकारी डीएसपी, एसपी और एसएसपी को दी जाती है. यह देखा जाता है कि आवेदन पर 107 और 144 के अलावा सीपीसी की धाराओं में कोई मामला तो दर्ज नहीं है. आवेदन में त्रुटि होने पर उसे संबंधित थाना को लौटा दिया जाता है. दो से तीन बार आवेदन में त्रुटि होने पर संबंधित व्यक्ति को लौटा दिया जाता है.

Next Article

Exit mobile version