धीमी मौत बांट रहे हैं राख ढोने वाले ट्रक व हाइवा

नियमों की अनदेखी कर एनटीपीसी के फ्लाई एश का हो रहा परिवहन

By Prabhat Khabar News Desk | April 6, 2024 9:33 PM

खलारी

कोल डस्ट के इलाके में रहनेवाले खलारी कोयलांचल के लोग इन दिनों सफेद डस्ट से परेशान हैं. यह सफेद डस्ट एनटीपीसी टंडवा से निकला फ्लाइ एश है, जो सड़क मार्ग से परिवहन के दौरान खलारी की सड़कों पर प्रतिदिन गिर रहा है. एनटीपीसी टंडवा से प्रतिदिन दर्जनों ट्रक व हाइवा डंपर फ्लाइ एश लेकर अपने गंतव्य को जाते हैं. नियम के अनुसार पर्यावरण अनुकूल तरीके से फ्लाइ एश का परिवहन किया जाना है. एनजीटी द्वारा भी फ्लाइ एश परिवहन के लिए मानक तय किये गये हैं. परंतु पर्यावरण रक्षा के सभी नियमों को ताक पर रखकर फ्लाइ एश का सड़क मार्ग से परिवहन किया जा रहा है. परिवहन के दौरान जगह जगह फ्लाइ एश सड़क पर गिरता जाता है. ट्रक व हाइवा ओवरलोड भी होते हैं. दिन के उजाले में सड़क पर फ्लाइ एश गिरता देख कुछ लोगों ने विरोध किया. इसके बाद दिन में फ्लाइ एश का कम ढुलाई होने लगी. लेकिन रात होते ही ट्रकों का तांता लग जाता है. केडी बाजार के दुकानदार दुकानों की सफाई करते परेशान हो रहे हैं. बंद दुकानों के अंदर भी राख फैली होती है. वहीं सड़क पर गिरा राख सारा दिन वाहनों के पीछे उड़कर लोगों की परेशानी का कारण बन गया है.

थर्मल पावर का वेस्ट मेटेरियल सीमेंट उद्योग सहित निर्माण कार्यों में है उपयोगी

थर्मल पावर का वेस्ट मेटेरियल फ्लाइ एश जहां बिजली बनानेवाले कारखानों के लिए समस्या है, वहीं सीमेंट उद्योग सहित ईंट, सड़क निर्माण, खाली खदान को भरने आदि के लिए उपयोगी है. ताप विद्युत संयत्र हर हाल में इन फ्लाइ एश का निष्कर्षण चाहते हैं. रेल मार्ग से ढुलाई के लिए सबसे बड़ी बिजली निर्माता कंपनी एनटीपीसी ने विशेष प्रबंध कर रखी है. रेलवे से विशेष अनुबंध हुआ है. रेलवे के बीटीएपी और बाक्सएन वैगन से पर्यावरण अनुकूल तरीके से सुरक्षित ढुलाई कर कई सीमेंट उद्योगों तक पहुंचाया जा रहा है.

स्वास्थ्य के लिए हो हानिकारक

सड़क मार्ग से परिवहन के दौरान वातावरण में फैल रहा फ्लाइ एश स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है. फ्लाइ ऐश को दुनिया भर में एक पर्यावरणीय खतरा माना जाता है. इसमें पर्याप्त मात्रा में सिलीकाॅन डाइऑक्साइड, एल्यूमीनियम ऑक्साइड, फेरिक ऑक्साइड और कैल्शियम ऑक्साइड शामिल होते हैं. फ्लाइ एश के कण ज़हरीले वायु प्रदूषक हैं. वे हृदय रोग, कैंसर, श्वसन रोग और स्ट्रोक को बढ़ा सकते हैं. इसकी ढुलाई बंद गाड़ियों में नहीं किया गया तो आनेवाले दिनों में इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगेगा.

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