रांची.धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह हत्याकांड में फरार आशीष रंजन की भूमिका को लेकर सीआइडी को कई अहम जानकारी मिली है. जांच में पाया गया है कि आशीष रंजन ने जमीन कारोबारी के संपर्क में आकर सर्वप्रथम 23 जुलाई 2019 को अपराध जगत में प्रवेश किया था. इससे पूर्व उसकी दोस्ती पवन महतो से हुई थी. पवन के जरिये वह जमीन का कारोबार करनेवाले जयमंगल हाजरा के संपर्क में आया था. जयमंगल के कहने पर उसे सुरक्षा के लिए आशीष रंजन ने दो निजी बॉडीगार्ड उपलब्ध कराये थे. जयमंगल हाजरा के निजी बॉडीगार्ड श्रवण कुमार के जरिये वह कोयला कारोबारी सतीश गुप्ता से मिला था. इसके बाद सतीश गुप्ता से आशीष रंजन का परिचय बढ़ने लगा. जयमंगल भी पहले से सतीश गुप्ता से परिचित था. इसलिए जयमंगल ने सतीश और आशीष को मिलने के लिए मई 2019 में एक साथ बुलाया और मुलाकात की थी. इस दौरान जयमंगल हाजरा ने दोनों से कहा था कि उसकी 52 डिसमिल जमीन बगुला बस्ती में है. इसी जमीन के बगल में मोतीलाल गोप की भी जमीन है. लेकिन यह जमीन मोतीलाल देने के लिए तैयार नहीं है. वहीं अजय पासवान और समीर मंडल ने उक्त जमीन का मोतीलाल से डेढ़ गुना अधिक कीमत देकर एग्रीमेंट कर लिया है. इस जमीन का एग्रीमेंट कराने से अजय पासवान और समीर मंडल को जयमंगल कई बार मना चुका था. लेकिन दोनों इसके लिए तैयार नहीं थे. इसके बाद जयमंगल ने सतीश और आशीष को समीर मंडल की हत्या के लिए 10-10 लाख रुपये सुपारी देने का ऑफर दिया. बगुला बस्ती वाली जमीन में भी 50 प्रतिशत पार्टनरशिप देने का आश्वासन दिया गया था. इसके बाद सतीश और आशीष ने मिल कर समीर मंडल की गोली मार कर हत्या कर दी थी.
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