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झारखंड की बेटी आशा किरण बारला ने एथलीट में बढ़ाया मान, लेकिन आज भी है उसके हाथ खाली

झारखंड की एथलीट बेटी आशा किरण बारला. इस खिलाड़ी ने अपनी प्रतिभा से कई बार झारखंड का मान बढ़ाया है. झारखंड के लिये ये सबसे बड़ी उपलब्धि थी. लेकिन अपने राज्य का इतना मान बढ़ाने वाली इस एथलीट के हाथ आज भी खाली है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 24, 2023 2:57 PM
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Jharkhand News: झारखंड की एथलीट बेटी आशा किरण बारला. इस खिलाड़ी ने अपनी प्रतिभा से कई बार झारखंड का मान बढ़ाया है. वर्तमान में देश की 16 साल की पहली एथलीट बनी जिसका चयन सीनियर इंडिया के एथलेटिक्स कैंप टॉप्स के लिये किया गया. झारखंड के लिये ये सबसे बड़ी उपलब्धि थी. लेकिन अपने राज्य का इतना मान बढ़ाने वाली इस एथलीट के हाथ आज भी खाली है. माड भात खाकर यहां तक का सफर तय करने वाली आशा को न तो आज तक कैश अवार्ड मिला है और न ही स्काॅलरशिप. हालात ये हो गयी है कि इस खिलाड़ी के पास कैंप तक में जाने के लिये पैसे नहीं थे.

गुमला में घर भी रह गया अधूरा

आशा किरण बारला और फ्लोरेंस बारला ये दोनों बहने अंतरराष्ट्रीय स्तर की एथलीट हैं और गुमला के कामदा ब्लॉक के नवाडीह गांव की रहने वाली हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन दोनों खिलाड़ियों की पहचान है. लेकिन ये आज भी पुराने मिट्टी के घर में रहने को मजबूर है, जहां शौचालय तक नहीं है. वहीं पक्का घर बनाने के लिये सरकार की ओर से डेढ़ लाख रूपये इंदिरा आवास के लिये दिये गये थे, लेकिन पक्का घर भी आज तक पूरा नहीं हो पाया.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने पर भी नहीं मिला कैश अवार्ड

आशा किरण बारला ने 2022 जनवरी में साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद रांची लौटने पर इस खिलाड़ी को सम्मान स्वरूप केवल एक लाख रूपये मिले, जबकि इस गेम्स के लिये तीन लाख रूपये मिलने थे. इसके पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने के बाद पिछले तीन वर्ष में एक बार भी कैश अवार्ड नहीं दिया गया और स्कॉलरशिप भी. जबकि आशा लगातार तीन साल से दोनों के लिये आवेदन दे रही है.

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क्या कहता है खेल निदेशालय

कैश अवार्ड देने की तैयारी चल रही है. इसका प्रोसेस भी किया जा रहा है, जिससे समय पर खिलाड़ियों को उनका हक मिल सके.

-सरोजनी लकड़ा, खेल निदेशक

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