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आदिवासियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं, पुरुलिया में बोले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा

आदिवासी युवक शिकारी मुंडा को अवैध रूप से शराब बेचने के आरोप में आबकारी विभाग ने स्थानीय थाने की मदद से 16 फरवरी को गिरफ्तार किया था.

पुरुलिया: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि आदिवासियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. कथित तौर पर पुलिस के अत्याचार के कारण जेल हिरासत में एक आदिवासी युवक की मौत हो गयी थी. केंद्रीय मंत्री उसके परिजनों से मिलने पुरुलिया आये थे.

शिकारी मुंडा के परिजनों से मिले अर्जुन मुंडा

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा रविवार को पुरुलिया जिले के बाघमुंडी थाना क्षेत्र के रविडी गांव पहुंचे. श्री मुंडा ने मारे गये युवक शिकारी मुंडा के परिवार के लोगों से बातचीत की और उसकी मौत के बारे में पूरी जानकारी ली.

अवैध शराब के कारोबार में हुई थी शिकारी की गिरफ्तारी

जानकारी के अनुसार, आदिवासी युवक शिकारी मुंडा को अवैध रूप से शराब बेचने के आरोप में आबकारी विभाग ने स्थानीय थाने की मदद से 16 फरवरी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे अदालत में पेश किया गया, जहां उसकी जमानत नामंजूर करते हुए उसे जेल हिरासत में भेज दिया गया था.

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जेल में बिगड़ी शिकारी की तबीयत

जेल में शिकारी की तबीयत खराब होने पर उसे पुरुलिया के देवेन महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया. अस्पताल में ही इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. परिवार के लोगों के साथ-साथ आदिवासी संगठनों का भी आरोप है कि जेल में पुलिस के अत्याचार से ही शिकारी मुंडा की तबीयत बिगड़ी और बाद में उसकी मौत हो गयी.

आदिवासी संगठनों ने किया विरोध-प्रदर्शन

आदिवासी संगठनों ने इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया. घटना के बाद राज्य के विरोधी दलों ने पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. आंदोलन शुरू कर दिये. इस बीच, रविवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के अलावा स्थानीय भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो, जिला भाजपा के अध्यक्ष विवेक रंगा व आदिवासी संगठन के नेता व भाजपा कार्यकर्ता उक्त युवक के घर पहुंचे.

अर्जुन मुंडा ने बर्बर कार्रवाई की निंदा की

इस दौरान अर्जुन मुंडा ने कहा कि एक आदिवासी युवक पर आबकारी विभाग और पुलिस ने जिस तरह से बर्बरतापूर्ण अत्याचार किया, उसके साथ मारपीट की गयी, वह निंदनीय है. शिकारी की मौत की गहन जांच हो. राज्य सरकार शिकारी के परिवार को मुआवजा दे.

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50 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी की मांग

शिकारी के परिवार के लोगों ने 50 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है. राज्य सरकार को आदिवासी परिवार की मांगों को जल्द पूरा करना चाहिए. आदिवासियों पर इस तरह के अन्याय व अत्याचार को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

पीड़ित परिवार की सहायता करे राज्य सरकार

मौके पर श्री मुंडा ने शिकारी मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण भी किया. उन्होंने कहा कि यह एक निंदनीय व दुखद घटना है. इस तरह की घटना से यहां के प्रशासन पर सवाल उठता है. राज्य सरकार को देखना होगा कि पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द किस तरह से सहायता प्रदान किया जा सके.

Posted By: Mithilesh Jha

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