झारखंड : बीरेंद्र राम की 39.28 करोड़ की संपत्ति अटैच, FIR दर्ज करने को लेकर राज्य सरकार ने मांगी राय
ईडी द्वारा सस्पेंड चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के मामले में भेजे गये पत्र को लेकर झारखंड सरकार ने कार्रवाई करने के लिए विधि विभाग से राय मांगी है. वहीं, बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में सीबीआई जांच को लेकर सुनवाई हुई. शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि इनकी 39 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की गयी है.
Jharkhand News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सस्पेंड चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के मामले में भेजे गये पत्र के आलोक में राज्य सरकार ने कार्रवाई करने के लिए विधि विभाग से राय मांगी है. ईडी ने बीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी और जांच के दौरान मिले तथ्यों को राज्य सरकार से साझा किया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में उस पर प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था. राज्य सरकार ने इस सिलसिले में भेजे गये पत्र के आधार पर जल संसाधन विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. बीरेंद्र का पैतृक विभाग जल संसाधन ही है. सरकार के निर्देश के आलोक में जल संसाधन विभाग ने विधि विभाग से राय मांगी है. इसके बाद बीरेंद्र राम पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. इडी ने 21 फरवरी 2023 को ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ छापा मारा था. इस दौरान मिले तथ्यों के आधार पर 23 फरवरी 2023 को बीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया गया है.
झारखंड हाईकोर्ट में सीबीआई जांच को लेकर सुनवाई
झारखंड हाइकोर्ट ने जमशेदपुर स्थित जूनियर इंजीनियर के आवास से बरामद 2.50 करोड़ रुपये और सस्पेंड चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के मामले की सीबीआई जांच को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शपथ पत्र को देखा. इसके बाद प्रार्थी को प्रति उत्तर देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 26 जुलाई की तिथि निर्धारित की.
बीरेंद्र राम की 39.28 करोड़ की संपत्ति अटैच
इससे पूर्व ईडी की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि सस्पेंड चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम की 39 करोड़ 28 लाख 82 हजार 578 रुपये की संपत्ति अटैच की गयी है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि निगरानी आयुक्त की अनुमति के बाद नाै मई, 2023 से बीरेंद्र राम के मामले में जांच शुरू कर दी गयी है. एसीबी उनकी संपत्ति की जांच कर रही है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पक्ष रखा.
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प्राथी का सीबीआई से जांच कराने की मांग
बता दें कि प्रार्थी पंकज कुमार यादव ने जनहित याचिका दायर कर मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि सरायकेला-खरसावां के तत्कालीन जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद के जमशेदपुर स्थित आवास के एक बंद कमरे से नवंबर 2019 में लगभग 2.50 करोड़ रुपये नगद बरामद किये गये थे. बरामद राशि के बारे में एसीबी को जानकारी नहीं मिल पायी. प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि एसीबी की ओर से छापेमारी में बरामद नगद राशि के मामले में कोई जांच नहीं की गयी.