रांची : पुलिस कस्टडी में जामताड़ा के युवक मिन्हाज अंसारी की मौत मामले में एसआइ हरीश पाठक के खिलाफ सीआइडी ने 20 सितंबर 2018 में चार्जशीट किया था. दो साल बाद जून 2020 में इस मामले को फिर से खुलवाने के लिए सीआइडी अधिकारी जामताड़ा कोर्ट गये थे. वह फिर से इसकी जांच करना चाहते थे. हालांकि निचली अदालत ने कहा था कि मामला हाइकोर्ट में लंबित है. इस कारण फिर से जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता.
परिजनों के अनुसार, मिन्हाज की पुलिस कस्टडी में पिटाई से मौत हो गयी थी. इस मामले में नारायणपुर थाना में छह अक्तूबर 2016 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. सवाल उठता है कि जिस मामले में सीआइडी के एडीजी रैंक के अफसर की समीक्षा के बाद धारा 304 के तहत एसआइ पाठक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी, उसकी जांच फिर से करने के पीछे मंशा क्या है. कोर्ट को दिये आवेदन में सीआइडी के इंस्पेक्टर रमेश कुमार ने कहा था कि उसे सीआइडी एडीजी के स्तर पर जांच पदाधिकारी नियुक्त किया गया है.
उन्हीं के अादेश पर कोर्ट को फिर से केस खुलवाने के लिए आवेदन दिया गया है. लेकिन यह केस फिर से क्यों खोला जाना जरूरी है इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी गयी. आवेदन में गवाहों कि फिर से गवाही लेने के अलावा मिन्हाज की जांच व पोस्टमार्टम करनेवाले डॉक्टर का बयान लेने की जरूरत बतायी गयी थी. एेसे में सवाल उठता है कि पूर्व में सीआइडी ने जांच कर जो चार्जशीट सौंपी थी, क्या वह गलत थी. अगर गलत थी, तो फिर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी.
हिरासत में मिन्हाज की मौत मामले में उठ रहे सवाल
अपनी ही चार्जशीट पर सवाल उठा फिर से फाइल खोलना चाहते थे सीआइडी अफसर
Post by : Prirtish Sahay