Ranchi News, रांची: झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (जेसीडीए) की बैठक रविवार को होटल कैपिटोल हिल में आयोजित की गयी. इसमें राज्य के सभी जिलों से करीब 200 दवा व्यवसायी शामिल हुए. बैठक के बाद अध्यक्ष कृष्णा प्रधान और वरीय उपाध्यक्ष सह कोषाध्यक्ष उमेश कुमार श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया कि ऑनलाइन और परचून की दुकान पर दवा की उपलब्धता खतरनाक है. ग्रामीण इलाकों में बिना फार्मासिस्ट के परचून की दुकान पर दवा की बिक्री होती है. दवा दुकानों के लिए फार्मासिस्ट की उपलब्धता बड़ी समस्या है. सरकार फार्मासिस्टों का रिन्यूवल कर इस समस्या से निजात दिला सकती है. बिना फार्मासिस्ट के दवा की बिक्री मरीजों के लिए भी खतरनाक है.
श्रीवास्तव ने कहा कि यह चिंता की बात है कि ऑनलाइन बिना किसी जांच के दवा उपलब्ध हो जा रहा है. गर्भनिरोधक गोली और नशे के उपयोग में की जानेवाली दवा युवाओं को आसानी से ऑनलाइन में मिल जा रही है. इससे हमारे बच्चे-बच्चियों का जीवन संकट में है. इससे दवा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है. कोल्ड चेन का भी पालन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में ऑनलाइन दवा की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाना चाहिए. राज्य में 18,000 खुदरा और 8,000 होलसेल की दुकान है.
वहीं, फार्मासिस्ट की संख्या 8,500 ही है. ऐसे में 17,500 दवा दुकानों के सामने कई समस्या आ रही है. अगर इसकी व्यवस्था सरकार नहीं करती है, तो दवा व्यापारी की आजीविका संकट में पड़ जायेगी. पत्रकार वार्ता में सुभाष चंद्र मंडल, रोहित प्रधान, धर्मेंद्र उपाध्याय, आशीष चटर्जी, रामनंदन सिंह, सुशील कुमार, राकेश पांडेय, कृष्णाकांत, अरविंद कुमार, मनीष कुमार, राजीव रंजन, दिनेश कुमार, अमित कुमार और लक्ष्मीकांत गुप्ता आदि मौजूद थे.
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