दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में जाने से रोका, उड्डयन मंत्री ने ट्विटर पर इंडिगो को दी चेतावनी
उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा, "इस तरह के व्यवहार के प्रति जीरो टॉलरेंस है. किसी भी इंसान को ऐसा नहीं करना चाहिए. मामले की खुद जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी."
रांची: दिव्यांग बच्चे को इंडिगो एयरलाइंस (Indigo Airlines) में जाने से रोकने के मामले में उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. सोमवार को रांची हवाई अड्डे (Ranchi Airport) पर इंडिगो एयरलाइंस की एक उड़ान में परिवार के साथ आये नि:शक्त बच्चे को विमान में सवार होने से रोक दिया. इसके बाद यात्री ने मामले को सोशल मीडिया पर साझा कर दिया, जिससे बड़े पैमाने पर लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया.
सिंधिया ने इंडिगो प्रबंधन को दी चेतावनी
उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा, “इस तरह के व्यवहार के प्रति जीरो टॉलरेंस है. किसी भी इंसान को ऐसा नहीं करना चाहिए. मामले की खुद जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जायेगी.”
There is zero tolerance towards such behaviour. No human being should have to go through this! Investigating the matter by myself, post which appropriate action will be taken. https://t.co/GJkeQcQ9iW
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) May 9, 2022
इंडिगो प्रबंधन ने दी सफाई, यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाई रोक
सोशल मीडिया पर यूजर्स के आक्रोश को देखते हुए इंडिगो प्रबंधन ने बयान जारी कर कहा कि बच्चे की वजह से अन्य यात्रियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता था. 7 मई को एक दिव्यांग बच्चा अपने परिवार के साथ उड़ान में नहीं जा सका, क्योंकि वह दहशत में था. ग्राउंड स्टाफ ने अंतिम समय तक उसके शांत होने का इंतजार किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद बच्चे के विमान में सवार होने पर रोक लगायी गयी. इंडिगो प्रबंधन ने बताया कि परिवार के लिए इंडिगो की तरफ से होटल में रहने की व्यवस्था की गयी थी, जिसके बाद परिवार ने सुबह में दूसरे विमान से उड़ान भरी.
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फेसबुक पोस्ट कर यात्री ने दी घटना की जानकारी
एक साथी यात्री और घटनास्थल की गवाह मनीषा गुप्ता ने एक विस्तृत फेसबुक पोस्ट में घटना के बारे में लिखा. मनीषा ने आगे लिखा कि बच्चे के परिवार ने एयरलाइन से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक कोई भी एयरलाइन दिव्यांग यात्रियों के साथ भेदभाव नहीं कर सकती. मनीषा गुप्ता ने आगे लिखा कि 45 मिनट के गुस्से और झगड़े में परिवार के तीनों सदस्यों ने एक बार भी अपनी गरिमा नहीं खोई. आवाज तेज नहीं की और एक भी तर्कहीन शब्द नहीं बोला.