रांची. गोस्सनर कॉलेज में नशा उन्मूलन पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन झालसा के निर्देश पर न्यायायुक्त सह डालसा अध्यक्ष के मार्गदर्शन में हुआ. कार्यक्रम में मध्यस्थ पीएन सिंह ने कहा कि नशा हम सभी के लिए एक अभिशाप है. अच्छी शिक्षा के अभाव में लोग कम उम्र में ही नशा करने लगते हैं और आजीवन नशे की लत में रहते हैं. नशा मुक्ति का अर्थ होता है किसी व्यक्ति या समाज को नशे से मुक्त करना. मौके पर एलएडीसी अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा ने अफीम, गांजा, हेरोइन, ब्राउन शुगर का व्यापार करना तथा अफीम की खेती करने से संबंधित अपराध के बारे में जानकारी दी. इसके अलावा एनडीपीएस, एनसीबी तथा नशा से जुड़े संविधान के अनुच्छेद- 47 के संबंध में जानकारी दी.
लाइफ सेवर्स एनजीओ के अतुल गेरा ने भी नशा उन्मूलन पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि नशा शरीर की गुणवत्ता को समाप्त कर देता है. नशा से परिवार का आर्थिक, मानसिक और शारीरिक क्षति होता है, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकता है. कार्यक्रम में डॉ एसके सिन्हा, डॉ श्यामलता, प्रो तृप्ति, अक्षिता कुमारी, कुमारी काजल, अस्मीत पटेल, अंजिता राय, शाम्भवी, सोनल, अक्षत पराशर, अक्षर आदित्य, पीएलवी मानव, राजा व अन्य उपस्थित थे.नशा उन्मूलन कार्यक्रम बोड़ेया में भी चला
डालसा के नशा उन्मूलन सप्ताह के तहत कांके के बोड़ेया गांव में नशा उन्मूलन अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया. गांव की महिलाओं को नशा के कारण होने वाली शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान के बारे में बताया गया. मौके पर डालसा प्रतिनिधि के रूप में पीएलवी राजेंद्र महतो, शारदा देवी, संगीता देवी, मालती देवी, फुलेश्वरी देवी और बबीता कुमारी ने डालसा के अन्य कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है