शर्तें लागू हुई, तो झारखंड में कम हुए मोतियाबिंद के ऑपरेशन, हटते ही बढ़े आंकड़े

झारखंड में ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद पैदा होनेवाली परेशानियों की शिकायतों के साथ ऑपरेशनों की संख्या भी लगाता बढ़ रही थी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 10, 2023 10:44 AM

शकील अख्तर, रांची :

झारखंड में ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत हो रहे मोतियाबिंद ऑपरेशन के आंकड़े इस योजना में की जा रही गड़बड़ी की ओर इशारा करते हैं. राज्य सरकार ने रिम्स के प्रोफेसरों की सलाह लेकर जैसे ही शर्तें लागू कीं, ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत होनेवाले कुल इलाज में मोतियाबिंद के ऑपरेशन की दर एक प्रतिशत से भी कम हो गयी. इससे पहले योजना के तहत होनेवाले कुल इलाज में मोतियाबिंद के ऑपरेशन की दर 54% तक पहुंच गयी थी. इधर, जैसे ही सरकार ने शर्तें हटायीं, दोबारा मोतियाबिंद के ऑपरेशन में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गयी है.

राज्य में ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद पैदा होनेवाली परेशानियों की शिकायतों के साथ ऑपरेशनों की संख्या भी लगाता बढ़ रही थी. पांच वर्षों के दौरान मोतियाबिंद के ऑपरेशन की समीक्षा के दौरान इसमें लगातार बढ़ोतरी पायी गयी. समीक्षा में पाया गया कि सितंबर 2022 में आयुष्मान भारत योजना के तहत हुए कुल इलाज का 41% मोतियाबिंद का ऑपरेशन था. अक्तूबर 2022 में 37%, नवंबर 2022 में 52%, दिसंबर 2022 में 51%, जनवरी 2023 में 51% और फरवरी 2023 में कुल इलाज का 54% मोतियाबिंद ऑपरेशन हुआ था.

13 जून को सोसाइटी ने लागू कीं सात शर्तें : मोतियाबिंद ऑपरेशन के आंकड़ों से यह सवाल पैदा हो गया था कि देश में मोतियाबिंद से अंधापन का खतरा झारखंड में पूरे देश के मुकाबले सबसे ज्यादा हो गया है. ऑपरेशन में फर्जी पैथोलॉजी रिपोर्ट सहित कई तरह की अनियमितताओं और ऑपरेशन की लगाता बढ़ती संख्या को देखते हुए रिम्स के प्रोफेसर से विचार-विमर्श के बाद 13 जून 2023 को ‘झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी’ ने नया दिशा निर्देश जारी किया. इसमें कुल सात शर्तें लगायी गयीं. इनमें दो महत्वपूर्ण शर्तों की वजह से मोतियाबिंद के ऑपरेशन के आंकड़े शून्य के करीब पहुंच गये.

Also Read: मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद भी 600 लोगों के आंखों की समस्या नहीं हुई दूर, सबसे अधिक शिकायत धनबाद से

13 जिलों में शून्य हो गया मोतियाबिंद का ऑपरेशन : शर्तों के लागू होते ही मोतियाबिंद के ऑपरेशन में भारी गिरावट दर्ज की गयी. आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2023 में राज्य के 13 जिलों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन का प्रतिशत शून्य रहा. इनमें चतरा, गढ़वा, देवघर, दुमका, गुमला, हजारीबाग, जामताड़ा, कोडरमा, लातेहार, पलामू, रामगढ़, सरायकेला और सिमडेगा जिला शामिल हैं. वहीं, जुलाई 2023 में धनबाद में 2.65%, गोड्डा में 1.27%, पाकुड़ में 8.42%, प सिंहभूम में 1% और साहिबगंज में 6.47% मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए.

इन पांच जिलों के अलावा अन्य किसी भी जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत हुए कुल इलाज में मोतियाबिंद के ऑपरेशन का आंकड़ा 1% भी नहीं पहुंच पाया. खुद राजधानी रांची में सिर्फ 0.9% ही मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए. वहीं, पूरे राज्य की बात करें, तो आयुष्मान भारत योजना के तहत जून 2023 में 16% और जुलाई 2023 में महज 0.64% मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए हैं.

दो शर्तों, जिनकी वजह से गिरा आंकड़ा

1. आयुष्मान योजना के तहत मोतियाबिंद के ऑपरेशन के पहले मरीज को 24 घंटे के लिए अस्पताल में भर्ती होना होगा.

2. मोतियाबिंद के ऑपरेशन से पहले संबंधित मरीज के पास किसी सरकारी अस्पताल से रेफरल नोट होना चाहिए.

3. गड़बड़ी की रोकने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने रिम्स के प्रोफेसरों की सलाह पर लागू की थीं सात शर्तें

4. शर्तें लागू होने से पहले आयुष्मान के तहत होनेवाले कुल इलाज में मोतियाबिंद ऑपरेशन की दर थी 54%

5. शर्तें लागू होने के बाद शून्य के करीब पहुंच गयी थी ज्यादातर जिलों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन की दर

शर्तें हटते ही मोतियाबिंद का ऑपरेशन 26% तक पहुंचा

इधर, अपरिहार्य कारणों से झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी में मोतियाबिंद के ऑपरेशन पर काबू पाने के लिए लगायी गयी दोनों महत्वपूर्ण शर्तों को हटा लिया. इनके हटते ही अगस्त 2023 के दौरान आयुष्मान के तहत हुए कुल इलाज में मोतियाबिंद के ऑपरेशन का आंकड़ा बढ़ कर 26% हो गया.

Next Article

Exit mobile version