आयुष्मान योजना के तहत झारखंड में हुई आखों की सबसे ज्यादा सर्जरी, फिर भी देखा जा रहा संदेह की नजर से
आयुष्मान भारत योजना के पूरे झारखंड में हुई आंखों की सर्जरी को संदेह की नजर से देखा जा रहा है. क्यों कि राज्य में 100 से ज्यादा आंख का फर्जी ऑपरेशन करने का मामला पकड़ में आ चुका है. इस योजना के तहत यूपी जैसे बड़े राज्य भी सिर्फ 75 हजार ऑपरेशन हुए
रांची: आयुष्मान भारत योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान पूरे देश में आंख की बीमारियों से संबंधित छह लाख ऑपरेशन हुए. इसमें से सिर्फ झारखंड में ही एक लाख ऑपरेशन किये गये. वह भी तब, जब कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान आयुष्मान भारत में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में अप्रैल से अगस्त तक आंख के ऑपरेशन नहीं हुए.
इसके अलावा अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के तहत भी 58 हजार ऑपरेशन हुए. राज्य में हुए आंख के ऑपरेशन के आंकड़ों को संदेह से देखा जा रहा है. क्योंकि यहां एक दिन में दूरदराज इलाकों में घूम-घूम कर 100 से ज्यादा आंख का फर्जी ऑपरेशन करने का मामला पकड़ में आ चुका है.
वित्तीय वर्ष 2021-22 में आयुष्मान भारत योजना के तहत उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में सिर्फ 75 हजार आंख के ऑपरेशन हुए. आंध्र प्रदेश में 85 हजार ऑपरेशन हुए. जबकि झारखंड में एक लाख ऑपरेशन हुए. इसमेंें सरकारी अस्पतालों का योगदान एक हजार से भी कम रहा. कोविड-19 की पहली व दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन हुआ करते थे.
इसलिए आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में अप्रैल 2021 से अगस्त 2021 तक आंखों के ऑपरेशन नहीं हुए. सिर्फ सात महीने में इस योजना के तहत एक लाख ऑपरेशन हुए. इस आंकड़े को संदेह की नजर से देखा जा रहा है. इसकी वजह आंखों के ऑपरेशन में हुई जालसाजी है. इस मामले में आरोपी एक डॉक्टर ने तो आत्महत्या कर ली थी. अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के तहत भी राज्य में वर्ष 2021-22 के दौरान 58 हजार आंख के ऑपरेशन हुए.
वर्ष 2021-22 में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में 75 हजार, तो आंध्र प्रदेश में हुए 85 हजार ऑपरेशन
झारखंड में एक लाख ऑपरेशन में सरकारी अस्पतालों का योगदान रहा एक हजार से भी कम
सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में अप्रैल से अगस्त 2021 तक नहीं हुए थे आंखों के ऑपरेशन, बाकी के सात महीने में किये गये ऑपरेशन का आंकड़ा एक लाख
Posted By: Sameer Oraon