Loading election data...

आयुष्मान में इलाज के बाद झारखंड के निजी अस्पतालों को नहीं मिल रहे पैसे, संचालकों का योजना से हो रहा है मोहभंग

आयुष्मान भारत के तहत चल रहे झारखंड के निजी अस्पातालों को उनके द्वारा खर्च किये गये पैसे नहीं मिल रहे है, नतीजा ये है कि पैसा नहीं मिलने कारण संचालकों का मोहभंग हो जा रहा है. कई निजी अस्पाताल तो 4 साल से पैसे मिलने के इंतजार में हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 17, 2021 10:31 AM

रांची : झारखंड आरोग्य सोसाइटी के पास निजी इंश्योरेंस कंपनियों का लाखों रुपये जमा है, लेकिन निजी अस्पताल मरीजों का इलाज करने के बाद भी चार साल से पैसा मिलने के इंतजार में हैं. इलाज का पैसा नहीं मिलने पर कई निजी अस्पताल आयुष्मान योजना में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. अस्पताल संचालकों का कहना है कि इलाज में उनके द्वारा इस उम्मीद में पैसा खर्च किया गया था कि कुछ समय बाद बीमा का क्लेम मिल जायेगा.

इंश्योरेंस कंपनी चोलामंड्लम ने दो करोड़ का फंड जमा करा दिया है, लेकिन निजी अस्पतालों को पैसा वितरित नहीं किया जा रहा है. निजी अस्पतालों का पैसा फंसा होने पर डिस्ट्रिक आइएमए एसोसिएशन रांची, धनबाद और चतरा के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर पैसा दिलाने का आग्रह किया है. आरएसबीवाई को जब झारखंड अारोग्य सोसाइटी (आयुष्मान भारत योजना) में तब्दील किया गया, तब से यह परेशानी शुरू हुई है.

तीन महीने से रोक रखा है पैसा :

झारखंड आरोग्य साेसाइटी द्वारा तीन माह से बीमा कंपनियों का क्लेम निजी अस्पतालों को जारी नहीं किया जा रहा है. अस्पतालाें का कहना है कि यह फंड भी जमा होते-होते लाखों में पहुंच गया है. निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि अगर यही हाल रहा, तो आयुष्मान योजना के प्रति निजी अस्पतालों का मोहभंग हो जायेगा.

क्या कहते हैं अधिकारी

आयुष्मान भारत योजना की जिम्मेदारी मिलने के बाद बारीकी से सभी बिंदुओं पर नजर रखी जा रही है. निजी अस्पतालों का फंड रोके जाने की सूचना मिली है, लेकिन फंड कितना है इसकी जानकारी नहीं है. शीघ्र ही पूरी जानकारी एकत्र कर फंड वितरित किया जायेगा.

डॉ भुवनेश प्रताप सिंह, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी

Posted by : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version