आयुष्मान योजना के तहत आंखों की सर्जरी में झारखंड का स्थान देश में दूसरा, फिर भी उपलब्धि शक के दायरे में
आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत कुल 447 निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं. इनमें से 110 अस्पताल आंखों के इलाज के लिए हैं. इन सूचीबद्ध अस्पतालों से आंख के 100 डॉक्टर ही संबंधित हैं
शकील अख्तर, रांची :
‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत आंखों के ऑपरेशन में झारखंड पूरे देश में दूसरे नंबर पर है. 23 सितंबर 2018 से अब तक सिर्फ 100 डॉक्टरों और 110 अस्पतालों के सहारे झारखंड ने अपने से ज्यादा आबादी और लाभुकों की संख्या वाले राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया है. ऑपरेशन की इस जादूगरी को पश्चिम बंगाल के हावड़ा निवासी नेत्र सर्जन डॉ एसएस माल (अब मृत) के नाम पर की गयी जालसाजी और फर्जी पैथोलॉजी रिपोर्ट की घटनाओं से जोड़ कर देखा जा रहा है.
आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत कुल 447 निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं. इनमें से 110 अस्पताल आंखों के इलाज के लिए हैं. इन सूचीबद्ध अस्पतालों से आंख के 100 डॉक्टर ही संबंधित हैं. आयुष्मान के दिशा-निर्देश के अनुसार योजना के तहत सूचीबद्ध होने के लिए अस्पताल में 24 घंटे के लिए एक ड्यूटी डॉक्टर (एमबीबीएस) होना चाहिए. इसके अलावा आंख का एक डॉक्टर अस्पताल से संबंधित होना चाहिए.
जबकि, राज्य में कई ऐसे अस्पताल हैं, जहां ड्यूटी डॉक्टर नहीं हैं. फिर भी आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज और ऑपरेशन हो रहे हैं. इन सबके बावजूद आंखों के ऑपरेशन में झारखंड देश में दूसरे नंबर पर है. राज्य की इस उपलब्धि को शक की नजर से देखा जा रहा है. क्योंकि वर्ष 2020 में योजना के तहत सूचीबद्ध कुछ अस्पतालों द्वारा पश्चिम बंगाल के नेत्र सर्जन डॉ एसएस माल के नाम पर एक ही दिन में सरायकेला से लेकर दुमका तक के अस्पतालों में सैकड़ों ऑपरेशन किये गये. गौरतलब है कि इस मामले में नाम आने के कुछ समय के बाद डाॅ एसएस माल की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी थी, जिसे आत्महत्या बताया गया था.
एक साल में 1.81 लाख लोगों के इलाज के भुगतान का दावा :
आंकड़ों के अनुसार, राज्य में ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत फरवरी 2022 से जनवरी 23 तक कुल 1.81 लाख लोगों के इलाज के भुगतान का दावा पेश किया गया था. इसमें से 74.66 हजार मामले सिर्फ आंखों के ऑपरेशन से जुड़े थे. यानी 12 महीनों में आयुष्मान के तहत किये गये इलाज का 41 प्रतिशत आंखों के ऑपरेशन से संबंधित था. फरवरी 2023 से अगस्त तक (सिर्फ सात महीने में) आयुष्मान के तहत हुए इलाज में आंखों के इलाज का हिस्सा 33 प्रतिशत तक पहुंच गया है. आंकड़ों के अनुसार, इन सात महीनों में आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 1.06 लाख लोगों का इलाज किया गया है. इसमें 74.66 हजार आंखों के ऑपरेशन हैं.
ये है सच्चाई
राज्य में कई अस्पतालों में ड्यूटी डॉक्टर नहीं, फिर भी आयुष्मान के तहत हो रहा इलाज और ऑपरेशन
राज्य में अभी आयुष्मान योजना के तहत होनेवाले इलाज का 40% हिस्सा सिर्फ आंख के ऑपरेशन का
फर्जी पैथोलॉजी रिपोर्ट और डॉक्टरों के नाम का गलत इस्तेमाल कर किया जा रहा इलाज का दावा
आंखों के ऑपरेशन में दूसरे राज्य व झारखंड
राज्य ऑपरेशन
आंध्र प्रदेश 4.68
झारखंड 3.87
उत्तर प्रदेश 3.47
छत्तीसगढ़ 2.06
बिहार 1.62
अप्रैल 2023 से अगस्त तक की स्थिति
राज्य लाभुक ऑपरेशन
उत्तर प्रदेश 1.80 करोड़ 37.04 हजार
बिहार 1.21 करोड़ 17.90 हजार
राज्य लाभुक ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ 64.70 लाख 17.01 हजार
झारखंड 61.50 लाख 18.83 हजार