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आयुष्मान योजना में झारखंड के अस्पताल गड़बड़ी करने में सबसे आगे, बेड क्षमता से अधिक मरीजों का दिखाया इलाज

रिपोर्ट में कहा गया कि आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी करने के मामले में देश के 13 राज्यों के 184 अस्पतालों पर कुल 17.28 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था.

‘आयुष्मान भारत योजना’ में गड़बड़ी करनेवाले अस्पतालों पर लगाये गये 17.28 करोड़ के जुर्माने में सबसे अधिक हिस्सा झारखंड के अस्पतालों का है. योजना में गड़बड़ी करने के आरोप में यहां के अस्पतालों पर 10.40 करोड़ रुपये का दंड लगा. आरोप है कि राज्य के 47 अस्पतालों ने बेड क्षमता से ज्यादा मरीजों का इलाज दिखाया है. वहीं, पलामू जिले के पांच अस्पतालों को डि-इमपैनल किये जाने के बाद भी मरीजों का इलाज किया और 1.37 करोड़ का भुगतान लिया. आयुष्मान कार्डधारकों से दवा और जांच आदि के नाम पर पैसे भी वसूले गये. लोकसभा में पेश आयुष्मान भारत योजना से संबंधित भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में इन तथ्यों का उल्लेख किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया कि आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी करने के मामले में देश के 13 राज्यों के 184 अस्पतालों पर कुल 17.28 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था. दंड की कुल राशि में से 10.40 करोड़ का जुर्माना झारखंड के अस्पतालों पर लगाया गया है. इसमें से केवल 87.64 लाख रुपये की ही वसूली हो पायी है. शेष राशि की वसूली को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

डि-इमपैनल रहने के बावजूद इलाज करनेवाले अस्पताल

अस्पताल केस राशि

मां गुलाबी सेवा सदन 266 21.94 लाख

संजीवनी हॉस्पिटल 211 13.47 लाख

लीलावती हॉस्पिटल 585 34.21 लाख

लांग लाइफ अस्पताल 637 62.21 लाख

मां तारा सेवा सदन 78 4.76 लाख

क्यूरी अबदुर्रज्जाक अंसारी कैंसर इंस्टीट्यूट पर गड़बड़ी का आरोप

रिपोर्ट में बेड क्षमता से ज्यादा मरीजों का इलाज करने के मामले में झारखंड के कुल 47 अस्पतालों को चिह्नित किया गया है. इसमें क्यूरी अबदुर्रज्जाक अंसारी कैंसर इंस्टीट्यूट का नाम भी शामिल है. यहां 100 बेड क्षमता के मुकाबले 112 मरीजों का इलाज दिखाया गया. क्षमता से अधिक मरीजों का इलाज करने के मामले में सावित्री देवी मेमोरियल ट्रस्ट ने सारी सीमाएं लांघ दीं. इस अस्पताल ने 30 बेड की क्षमता के मुकाबले एक ही दिन में 103 मरीजों का इलाज करने का दावा किया. किडनी केयर सेंटर ने भी 12 की क्षमता के मुकाबले 55 मरीजों का इलाज किया.

रिपोर्ट में आयुष्मान कार्ड धारकों से दवा, जांच सहित अन्य कार्यों के नाम पर पैसा वसूलने के मामले में गोड्डा के लाइफ लाइन अस्पताल को चिह्नित किया गया है. इस अस्पताल ने 36 आयुष्मान कार्ड धारकों के पैसों की वसूली की. जिलास्तर से इसके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गयी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.

पलामू जिले में सूची से बाहर हो चुके अस्पतालों ने भी किया खेल

रिपोर्ट में पलामू जिले में डि-इमपैनल किये गये अस्पतालों द्वारा भी 1777 मरीजों का इलाज करने और 1.37 करोड़ रुपये का भुगतान लेने का उल्लेख है. पलामू में ही एक अस्पताल को दिसंबर 2018 में डि-इमपैनल किये जाने के बाद उसने अपना नाम बदल कर आशीर्वाद अस्पताल कर लिया और मई 2019 फिर से इंपैनल हो गया. इसके बाद जनवरी 2020 में उसे फिर डि-इमपैनल कर दिया गया. लेकिन डि-इमपैनल रहने के दौरान इस अस्पताल ने 130 मरीजों का इलाज किया और 25 मामलों में 1.72 लाख का भुगतान भी ले लिया.

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