फ्री में आयुष्मान कार्ड बनवाना चाहते हैं तो झारखंड सरकार चला रही है अभियान, इन दस्तावेजों की पड़ रही है जरूरत
आयुष्मान कार्ड कार्ड के एवज में किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होगा. ऐसे लोग जो हरा, पीला और गुलाबी राशन कार्डधारी हैं वे इस इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
21 जुलाई से झारखंड सरकार के द्वारा सभी जिलों में आयुष्मान पखवाड़ा अभियान चलाया जा रहा है. ये अभियान 4 अगस्त तक चलेगा. इसमें ऐसे लाभार्थियों को चयनित किया जाएगा अयुष्मान भारत योजना के पात्र हैं लेकिन उनका कार्ड नहीं बन सका है. इसके अंतर्गत सहिया दीदी घर-घर जाकर E-KYC के माध्यम से अयुष्मान कार्ड बना रही है. ज्ञात हो कि इस कार्ड के जरिये सभी लाभुकों को प्रति वर्ष 5 लाख तक इलाज मुफ्त किया जाता है.
नहीं देना होगा किसी प्रकार का कोई शुल्क
इस कार्ड के एवज में किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होगा. ऐसे लोग जो हरा, पीला और गुलाबी राशन कार्डधारी हैं वे इस इस योजना का लाभ ले सकते हैं. आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आपके पास राशन कार्ड और आधार कार्ड का छाया प्रति होना जरूरी है. आपके पास उक्त जरूरी दस्तावेजों के मूल प्रति भी होना जरूरी है. सरकार ने इससे संबंधित आदेश जिला प्रशासन को पहले ही दे दिया था.
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पंचायत स्तर पर भी लग रहा है कैंप
अभियान को सफल बनाने को लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जुटी हुई है. इसके लिए हर पंचायत में कैंप भी लगा हुआ है. सहिया के अलावा सभी सीएचओ, अयुष्मान मित्र, प्रज्ञा केंद्र, पीडीएस डीलर भी इस काम में जुटे हुए हैं. लोगों को इस अभियान के बारे में जनकारी देने के लिए हर पंचायत में जागरूकता रथ चलाया जा रहा है. बता दें कि इस योजना से आच्छादित परिवार साल में 5 लाख रुपए तक का बिल्कुल मुफ्त में उपचार सभी निबंधित अस्पतालों में करा सकते हैं.
क्या है आयुष्मान योजना
आयुष्मान योजना के तहत पात्र लोगों का मुफ्त में इलाज किया जाता है. पहले पात्र लोगों का आयुष्मान कार्ड बनता है और फिर इस कार्ड के जरिए कार्डधारक सूचीबद्ध अस्पतालों में अपना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त में इलाज करवा सकता है.
झारखंड से ही हुई थी आयुष्मान भारत की शुरूआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरुआत 14 अप्रैल 2018 को भीमराव अम्बेडकर की जयंती के दिन राजधानी रांची जिले से शुरू किया था. हालांकि, इसकी घोषणा पूर्व वित्त मंत्री स्व. अरूण जेटली ने 2018 के बजट सत्र में ही कर दिया था. इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (बीपीएल धारक) को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है. इस योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी देश भर के किसी भी सार्वजनिक या निजी अन्तर्गत अस्पताल से फ्री में इलाज करा सकता है.
कोई व्यक्ति कैसे चेक करें कि वो पात्र है या नहीं
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों जानने के लिए आपको http//:aapkedwaraayushman.pmjay.gov.in पर जाना होगा जहां आपको सभी की सूची मिल जाएगी. इसके अलावा अगर आप घर बैठ कार्ड बनवाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको www. Setu.pmjay.gov.in पर जाना होगा. जहां आपको अपनी सभी जानकारी भरनी होगी. इसके बाद आपके फोन में एक ओटीपी आएगा. उस ओटीपी को दर्ज करने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा.
कौन बनवा सकता है आयुष्मान कार्ड?
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आपका मकान अगर कच्चा है
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अगर कोई भूमिहीन व्यक्ति है
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आपके परिवार में अगर कोई दिव्यांग सदस्य है
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अगर कोई दिहाड़ी मजदूर हैं
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अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं
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जो व्यक्ति अनुसूचित जाति या जनजाति से आता है
ऐसे चेक कर सकते हैं पात्रता:-
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अगर आप जानना चाहते हैं कि आपका आयुष्मान कार्ड बन पाएगा या नहीं, तो इसके लिए आपको पात्रता चेक करनी होगी
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ऐसे में आपको पहले इस आधिकारिक पोर्टल pmjay.gov.in पर जाना है
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यहां पर आपको ‘Am I Eligible’ वाला ऑप्शन नजर आएगा
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आपको इस पर क्लिक करना है
स्टेप 2
इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा, जिसे यहां दर्ज कर दें
फिर नजर आ रहे दो विकल्प में से पहले में अपना राज्य चुनें
अब दूसरे विकल्प में अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और राशन कार्ड नंबर से यहां सर्च करें
ऐसा करने के बाद आपको पता चल जाएगा कि आप योजना के लिए पात्र हैं या नहीं.
आयुष्मान पखवाड़ा से जुड़ी जानकारी व शिकायत के लिए आप
अगर आप आयुष्मान पखवाड़ा किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते हैं तो आपको टोल फ्री नंबर 14555 या 18003456540 पर कॉल करना होगा. इसके अलावा आप Grievance Portal पर भी अपनी शिकायत को दर्ज करवा सकते हैं. इसके लिए आपको https://cgrms.pmjay.gov.in/GRMS/loginnew.htm इस लिंक पर क्लिक करके शिकायत दर्ज करवानी होगी. इसके लिए आपको REGISTER YOUR GRIEVANCE के ऑप्शन पर क्लिक करके मामले की शिकायत करनी होगी.
ऐसे होता है आपकी शिकायत का निवारण
जब आप अपने राज्य के टोल फ्री नंबर पर शिकायत करते हैं तो वो कॉल सीधे उस राज्य की राजधानी के सेंटर में पहुंचती है. इसके बाद संबंधित अधिकारी को शिकायत का निवारण करने के निर्देश दिए जाते हैं. इसके अलावा जिला स्तर पर भी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी होती है, जो कि शिकायतों की जांच पड़ताल के बाद कार्रवाई करती है.
आयुष्मान कार्डधारक इन बातों का रखें ख्याल
अगर आप आयुष्मान कार्डधारक है तो आपको कुछ बातों का ध्यान देना जरूरी है क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके साथ ठगी हो सकती है. तो चलिए जानते हैं कि आयुष्मान कार्डधारकों को किन-किन बातों का ध्यान रखना है.
अगर आप आयुष्मान कार्डधारी हैं, तो आपको इस बात का ध्यान रखना है कि अपने कार्ड को हर किसी को नहीं देना है. अगर ये कार्ड गलत हाथों में चला जाए तो आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है. इसलिए भूल से भी ऐसी गलती न करें.
साथ ही आपको अपने कार्ड को छुपाकर रखें. क्योंकि जरा सी गलती आपको भारी पड़ सकती है. अगर आप इलाज भी कराने जा रह हैं तो संबंधित अधिकारी को ही इस कार्ड को दें.
इसके अलावा आपको फर्जी कॉल से भी सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि कई जालसाज कस्टमर केयर बनकर आपसे किसी बहाने से आपके कार्ड की या फिर आपकी बैंकिंग जानकारी लेने की भी कोशिश करते हैं. इसलिए हमेशा आपको अलर्ट रहने की जरूरत होगी.
आजकल जालसाज ठगी करने के लिए नये नये तकनीक का इजात कर रहे हैं. कभी वो आपको फर्जी केवाईसी के नाम पर कॉल, मैसेज करेंगे तो कभी फर्जी लिंक तक भेजेंगे. इसलिए इनसे सावधान रहने की जरूरत है.
झारखंड में भी होती रही है ठगी
बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के नाम पर झारखंड में भी लोगों से ठगी होती रही है. एक साल पूर्व फर्जी आइडी बना कर ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत राज्य के दो अस्पतालों में 80 लोगों के इलाज के नाम पर 16 लाख 50 हजार 740 रुपये का भुगतान करा लिया गया था. इस मामले में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के रांची क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक ने रांची साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
फर्जी आइडी बनाने वाले ने 18 अप्रैल 2022 को एनआइसी अधिकारी मृत्युंजय शंकर के रूप में अपना नाम अपडेट किया था. शिकायतकर्ता के मुताबिक, इस फर्जी आइडी के जरिये पाकुड़ के ‘अमृत हेल्थ केयर’ में इलाज के नाम 49 लाभुकों को 6,70,830 रुपये और गिरिडीह स्थित ‘देवकी हॉस्पिटल’ में इलाज के नाम पर 31 लोगों को 9,79,910 रुपये (कुल 16,50,740 रुपये) का भुगतान किया गया था.
झारखंड में 94.82 लाख लोगों ने बनावाया कार्ड
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में अब तक 38.23 लाख परिवारों में 94.82 लाख लोगों ने आयुष्मान कार्ड बनवाया है. वहीं 224 सरकारी अस्पताल, 574 निजी अस्पताल और 54 भारत सरकार के अस्पताल इस योजना के तहत झारखंड में सूचीबद्ध हैं. बताया गया कि मरीजों में जेनरल मेडिसीन, ऑपथेलमोलॉजी,गायनोकोलॉजी, नियो नेटल, आर्थेपेडिक्स, मेडिकल अंकोलॉजी तक के मरीज रहे हैं.
आंकड़े बताते हैं कि निजी अस्पतालों की हिस्सेदारी अधिक
आंकड़ों पर नजर डालें तो योजना के तहत सबसे अधिक मरीजों ने निजी अस्पतालों में इलाज कराया है. इनकी हिस्सेदारी 79 प्रतिशत है. जबकि 21 प्रतिशत मरीजों ने ही सरकारी अस्पतालों मे इलाज कराया है. राशि को देखें तो सबसे अधिक निजी अस्पातलों को 1165 करोड़ रुपये दिये गये हैं.
झारखंड को एंटी फ्रॉड इनिशिएटिव अवार्ड
बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के तहत झारखंड को एंटी फ्रॉड इनिशिएटिव कैटगरी में बेस्ट स्टेट के लिए चुना गया था. केंद्र सरकार द्वारा नयी दिल्ली होटल अशोक में आयोजित आरोग्य मंथन-2022 कार्यक्रम के समापन समारोह में यह अवार्ड दिया गया था. 25 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री यह अवार्ड दिया था.
अब तक नहीं जुड़ सके हैं मेसो अस्पताल
झारखंड में कल्याण विभाग द्वारा संचालित मेसो अस्पतालों को अब तक आयुष्मान योजना से जोड़ा नहीं गया है. इस कारण ट्राइबल सब एरिया प्लान (टीएसपी) जिलों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के जरूरतमंद योजना का लाभ नहीं उठा पाते हैं. साथ ही इसका असर मरीजों के अलावा सरकार के कोष पर भी पड़ रहा है. हालांकि, विभाग ने 13 टीएसपी जिलों के 50 बेड वाले कुल 16 ग्रामीण कल्याण अस्पतालों को आयुष्मान योजना से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की है.
संताल परगना में कलरप्लास्ट बना रहा आयुष्मान कार्ड
सरकार ने आयुष्मान कार्ड बनाने वाली झारखंड की सभी एजेंसियों के नाम और उनके नोडल ऑफिसर का नाम एवं फोन नंबर भी जारी किया है. संताल परगना के साहिबगंज, दुमका, गोड्डा, देवघर, जामताड़ा और पाकुड़ जिला में आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी कलरप्लास्ट (Colourplast) को दी गयी है. इसके नोडल ऑफिसर अवनीश हैं. उनका फोन नंबर 7783866319 है.
खूंटी और पश्चिमी सिंहभूम की जिम्मेदारी मेडसेव को
खूंटी और पश्चिमी सिंहभूम में इस काम के लिए मेडसेव (Medsave) का चयन किया गया है, जिसके नोडल ऑफिसर रवींद्र के अत्तर हैं. उनका फोन नंबर 9312880002 है. बोकारो, धनबाद और गिरिडीह में आयुष्मान कार्ड बनाने का काम जेफिर लिमिटेड (Zephyr Ltd.) को सौंपा गया है, जिसके नोडल ऑफिसर प्रभात त्रिपाठी हैं. उनका फोन नंबर 9650127107 है.