झारखंड के 66 लाख से अधिक परिवार इन बीमारियों का फ्री में करा सकेंगे इलाज, हेल्थ बेनिफिट पैकेज- 2022 लागू
Ayushman Yojana Jharkhand : झारखंड के 66 लाख से अधिक लाल-पीला और हरा राशन कार्ड धारी परिवारों को कई बीमारियों का इलाज मुफ्त होगा. आयुष्मान और अबुआ स्वास्थ्य योजना के तहत इन सुविधाओं का लाभ मिलेगा.
रांची : झारखंड में अब हार्ट, कैंसर, बोनमेरो ट्रांसप्लांट जैसा महंगा इलाज भी मुफ्त में होगा. आयुष्मान और अबुआ स्वास्थ्य योजना के तहत इन सुविधाओं का लाभ मिलेगा. इन योजनाओं से सूचीबद्ध कोई भी अस्पताल इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज करने से इनकार नहीं कर पाएंगे. दरअसल 10 फरवरी को ही इन योजनाओं से सूचीबद्ध अस्पतालों में पुरानी बीमा की अवधि समाप्त हो गयी थी. नयी बीमा की अवधि शुरू होने के साथ ही हेल्थ बेनिफिट पैकेज- 2022 लागू कर दी गयी है. राज्य के 66 लाख से अधिक लाल-पीला और हरा राशन कार्ड धारी परिवार इस योजना का लाभ उठा सकेंगे.
इन बीमारियों का फ्री में होगा इलाज
हेल्थ बेनिफिट पैकेज- 2022 के तहत 534 नये पैकेज शामिल किये गये हैं और पुराने पैकेज की कीमत में संशोधन किया गया है. इस पैकेज के जरिये पैलिएटिव केयर पैकेज, हाई एंड प्रोसेस जैसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट और कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी, कार्डियक संबंधित रोग के साथ हाई एंड ड्रग्स के पैकेज और हाई एंड डायग्नोस्टिक्स की प्रक्रियाएं शामिल की गयी है. केवल इलाज ही नहीं बल्कि महंगी से महंगी जांच जैसे कि रेडियोलॉजिक टेस्ट, सिटी स्कैन, एमआरआई, बोन मेरो टेस्ट, बायोप्सी टेस्ट जैसे कई जांच भी फ्री में करा सकेंगे.
टीएमएस का नया वर्जन झारखंड में भी लागू
झारखंड में आयुष्मान भारत और अबुआ स्वास्थ्य योजना के तहत क्लेम व सेटलमेंट का काम टीएमएस यानी कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम में किया जाता है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण नई दिल्ली के टीएमएस के नए वर्जन को भी झारखंड में लागू किया गया है. झारखंड पहला राज्य बन है जहां टीएमएस 2.0 को लागू है. राज्य में यह योजना हाइब्रिड मोड में संचालित है. झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि अब अस्पतालों को भी काम करने में काफी सुविधा होगी. टीएमएस 2.0 में डॉक्यूमेंट का साइज अब 500 केबी से बढ़ाकर 1 एमबी कर दिया गया है. इससे अस्पताल अब अधिक डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर सकेंगे. सभी सूचीबद्ध 566 अस्पतालों को नए सॉफ्टवेयर और पैकेज का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा चुका है.