विवेक चंद्र, रांची : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में कोविड-19 संक्रमण की आशंका के बावजूद भादो के महीने में देवघर और बासुकिनाथ में बाबा मंदिर खोला जायेगा. इन दो मंदिरों को छोड़ कर राज्य में किसी अन्य धार्मिक स्थल को फिलहाल खोलने की अनुमति नहीं होगी. सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जायेगी. ऑनलाइन बुकिंग के आधार पर केवल झारखंड के निवासियों को ही दर्शन की इजाजत दी जायेगी. दर्शन के इच्छुक श्रद्धालुओं को अलग-अलग टाइम स्लॉट दिया जायेगा. मंदिरों में निर्धारित समय पर स्थानीय श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर पायेंगे.
हालांकि, दर्शन के समय सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा. राज्य सरकार द्वारा दर्शन की व्यवस्था करने पर सुझाव देने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी की अध्यक्षता विकास आयुक्त करेंगे. कमेटी में स्वास्थ्य सचिव डॉ नीतिन मदन कुलकर्णी, पर्यटन सचिव पूजा सिंघल, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल, डीआइजी दुमका नरेंद्र कुमार, देवघर के उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह, दुमका की अायुक्त बी राजेश्वरी, पंडा धर्म रक्षिणी सभा, देवघर के अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज व मनोज पंडा, महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर व सचिव संजय कुमार झा को रखा गया है.
कमेटी को रिपोर्ट देने के लिए 10 अगस्त तक का समय दिया गया है. यह कमेटी देवघर व बासुकिनाथ में बाबा दर्शन कराने की योजना पर रिपोर्ट तैयार करेगी. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मंदिरों को खोलने से संबंधित आदेश जारी किया जायेगा. मालूम हो कि गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में देवघर और वासुकीनाथ में मंदिरों को खोलने से संबंधित याचिका दायर की थी.
जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को स्थानीय श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन करने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. अदालत के निर्देश का अनुपालन करते हुए सावन पूर्णिमा के दिन देवघर में करीब 300 स्थानीय लोगों ने बाबा का दर्शन किया था. हालांकि, उचित व्यवस्था करने तक उसके बाद मंदिर बंद कर दिया गया है. अब कमेटी की रिपोर्ट के बाद भादो में सुरक्षा इंतजाम और पुख्ता व्यवस्था करने के बाद मंदिर फिर से खोला जायेगा.
Post by : Pritish Sahay