बाबूलाल मरांडी के इस बयान पर गरमाया सदन, पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक-नारेबाजी, नहीं चली कार्यवाही
पक्ष-विपक्ष की नोंकझोंक, हो-हंगामा के कारण स्पीकर ने पहली पाली में 19 मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. सदन में शून्यकाल भी विधायक नहीं पढ़ पाये.
रांची : शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन में भी हो-हंगामा होता रहा. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व विधायक बाबूलाल मरांडी द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को लेकर पत्रकारों को दिये गये बयान पर सदन गरमाया. सत्ता पक्ष ने स्पीकर पर सदन के बाहर आक्षेप लगाने के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला चलाने के मुद्दे पर अड़ा रहा, तो विपक्ष ने इसका विरोध किया. भाजपा के विधायक वेल में घुसे और नारेबाजी की. वेल में घुस कर विपक्षी विधायक प्रदीप यादव माफी मांगों के नारे लगा रहे थे.
इधर सत्ता पक्ष से भी कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला, दीपिका पांडेय सिंह, अंबा प्रसाद और शिल्पी नेहा तिर्की वेल में चली आयीं. पक्ष-विपक्ष की नोंकझोंक, हो-हंगामा के कारण स्पीकर ने पहली पाली में 19 मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. सदन में शून्यकाल भी विधायक नहीं पढ़ पाये. इधर गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने मीडिया के समक्ष आसन पर आक्षेप लगाया है. यह विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है. धीरज साहू के यहां कैश बरामद होता है, उसे हेमंत सोरेन का बताते हैं. इनकी आदत है कि सदन के बाहर जाकर बिना तथ्य के बातें करते हैं. इन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
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श्री यादव का बातें सुनते ही पूरा विपक्ष हंगामा करने लगा और वेल में घुस गया. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि प्रदीप यादव विद्वान आदमी हैं. नियम-कानून दिखाते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि बाबूलाल मरांडी भी इसी सदन के सदस्य हैं. आपका अपना खाता-बही है. आज भी आप उन्हें झाविमो का सदस्य मानते हैं. बाबूलाल मरांडी को एक शब्द बोलने नहीं दिया गया है. याद रखना चाहिए कि वह राजधनवार के विधायक हैं. उन्हें चार साल से बोलने नहीं दिया गया. बाबूलाल से डर लगाता है, तो उन्हें भी निलंबित कर दिया जाये. उन्होंने अपनी पीड़ा रखी है. वह प्रदीप यादव के आशीर्वाद से नहीं, राजधनवार की जनता ने जीताया है. प्रदीप यादव माफी मांगे. सदन की कार्यवाही दुबारा शुरु हुई, तो सत्ता पक्ष बाबूलाल पर विशेषाधिकार हनन का मामला चलाने के मुद्दे पर अड़ा रहा.
प्रदीप यादव ने फिर कहा कि स्पीकर नियमानुकूल फैसला लें. स्टीफन मरांडी ने कहा कि बाबूलाल बाहर बोलते हैं. आसन को निर्णय लेना चाहिए. संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम का कहना था कि सदन के बाहर आसन के प्रति टिप्पणी की है. झामुमो विधायक डॉ सरफराज अहमद ने कहा कि बाबूलाल सुलझे हुए व्यक्ति हैं. सदन में बात करनी चाहिए. स्पीकर को निर्णय लेना होगा. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा : चार साल में एक बार बोलने नहीं दिया गया. कल उन्होंने तीन-तीन बार हाथ उठाया. उनको किन कारणों से बोलने नहीं दिया गया. वह अपनी पीड़ा कहां रखते. अवमानना का मामला कहां से बनता है. कांग्रेस विधायकों को बोलने का हक नहीं है, इनके नेता राहुल गांधी संवैधानिक पद पर बैठे राहुल गांधी की मिमिक्री की वीडियो बनाते हैं. इसके बाद कांग्रेस के विधायक विरोध करते वेल में घुस गये.
हम देख रहे हैं, नियमानुकूल निर्णय होगा : स्पीकर
रांची : स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि हम देख रहे हैं. नियमानुकूल निर्णय होगा. उन्होंने बार-बार सदस्यों से बैठ जाने का आग्रह किया.