झारखंड विधानसभा में फिर हंगामा, बाबूलाल बोले : वेल में नहीं जायेंगे भाजपा विधायक, अध्यक्ष जिसे चाहें, चुन लें नेता प्रतिपक्ष

jharkhand vidhan sabha babulal marandi budget session 2020, babulal marandi in assembly : bjp leaders will not enter into well, speaker may choose leader of opposition to whom he wants : झारखंड विधानसभा (Jharkhand Vidhan Sabha) में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) का मुद्दा अब तक खत्म नहीं हुआ है. होली (Holi) की छुट्टी के बाद गुरुवार (12 मार्च, 2020) को जब विधानसभा (Jharkhand Assembly) के बजट सत्र 2020 (Budget Session 2020) की शुरुआत हुई, तो सदन में एक बार फिर से विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया.

By Mithilesh Jha | March 12, 2020 7:15 PM

रांची : झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का मुद्दा अब तक खत्म नहीं हुआ है. होली की छुट्टी के बाद गुरुवार (12 मार्च, 2020) को जब विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हुई, तो सदन में एक बार फिर से विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया.

वहीं, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर जल्द से जल्द निर्णय लें. श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा के विधायक वेल में नहीं जायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को अधिकार है कि वह जिसे चाहें, नेता प्रतिपक्ष की मान्यता दे सकते हैं.

श्री मरांडी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ‘स्पीकर महोदय, आपसे आग्रह है कि मेरे मुद्दे पर जल्द निर्णय लें. नेता प्रतिपक्ष के मामले पर आपको निर्णय लेना है.’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष (सत्ता और विपक्ष) के विधायक क्षेत्र की समस्याओं को सदन उठाना चाहते हैं. अगर सदन की यही स्थिति रही, तो कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पायेगी.

बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि अब भाजपा के विधायक नेता प्रतिपक्ष के मामले में कोई मांग नहीं करेंगे. वेल में आकर हंगामा भी नहीं करेंगे. बाबूलाल ने कहा कि अध्यक्ष चाहें, तो किसी को भी नेता प्रतिपक्ष चुन लें.

बाबूलाल ने कहा कि 17 फरवरी, 2020 को झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) का भाजपा में विलय हुआ और उसकी पूरी सूचना चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष को दी गयी. इस पर 6 मार्च, 2020 को चुनाव आयोग ने भी सहमति भी दे दी है. इसके बावजूद निर्णय लेने में देर हो रही है.

वहीं, सदन के बाहर भाजपा विधायक अनंत ओझा ने पत्रकारों से कहा कि विधानसभा में भाजपा के विधायक लगातार लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधानसम्मत निर्णय को लेकर संवैधानिक व्यवस्थाओं का पालन करवाने के लिए सदन के अंदर और बाहर विधानसभा अध्यक्ष महोदय से गुहार लगा रहे हैं.

श्री ओझा ने कहा, ‘हम सब आग्रह कर रहे हैं कि न्याय दें, क्योंकि बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन नहीं चल सकता है. चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं के निर्णय आने के बाद भी निर्णय में देरी हो रही है. इसको लेकर प्रदेश भर की जनता के बीच से आवाज आने लगी है कि राज्य में क्या हो रहा है.’

इससे पहले भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में एक बार फिर हंगामा किया. सभी विधायक हाथ में तख्तियां लेकर आये थे और बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग को लेकर सदन के बाहर नारेबाजी कर रहे थे. ये लोग ‘लोकतंत्र की हत्या करना बंद करो’, ‘माननीय अध्यक्ष जी को संविधान की रक्षा करनी होगी’ के नारे लगा रहे थे.

चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगी भाजपा

भाजपा विधायकों ने कहा कि वे राज्य में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे. जनता के बीच जायेंगे. सबको बतायेंगे कि यह सरकार क्या कर रही है. भाजपा के साथ कैसा व्यवहार हो रहा है. साथ ही कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार बाबूलाल मरांडी से डर रही है और दलीय प्रतिबद्धता की वजह से निर्णय लेने में देरी हो रही है.

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