Jharkhand News: ‘फेंका-फेंकी की राजनीति बंद हो’, बोले बाबूलाल – राज्य सरकार को नीति बनाने का पूरा अधिकार

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह मामला झारखंड की 3.5 करोड़ जनता के हित से जुड़ा है. इसलिए इसमें बार-बार राजनीति नहीं होनी चाहिए. राज्य सरकार झारखंड के बच्चों के हित में झारखंड की धरती पर ही विधिसम्मत निर्णय लें.

By Prabhat Khabar News Desk | January 31, 2023 7:27 AM

भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि वह स्थानीयता से संबंधित विधेयक के संबंध में राज्यपाल की आपत्तियों पर गंभीरतापूर्वक विचार करें. मरांडी ने कहा कि यह मामला झारखंड की 3.5 करोड़ जनता के हित से जुड़ा है. इसलिए इसमें बार-बार राजनीति नहीं होनी चाहिए. राज्य सरकार झारखंड के बच्चों के हित में झारखंड की धरती पर ही विधिसम्मत निर्णय लें. राज्य सरकार को फेंका-फेंकी की राजनीति बंद कर अपने संविधान सम्मत अधिकारों का सदुपयोग करना चाहिए़.

राज्य सरकार को नीति बनाने का पूरा अधिकार है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपराधियों को बचाने के लिए, उनके मुकदमों की बहस के लिए वकीलों पर करोड़ों रुपये पानी की तरह खर्च कर रही. यह मामला तो राज्य के हित से जुड़ा है, इसलिए इस मामले में देश के नामी कानूनविदों, वकीलों को महंगी फीस देकर सलाह लेने से राज्य सरकार को परहेज नहीं करना चाहिए.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी 1932 खतियान आधारित स्थानीयता नीति विधेयक’ को राज्यपाल रमेश बैस द्वारा लौटने पर आपत्ति जतायी. कहा : यह नयी बात नहीं है. यहां सरकार जो चाहेगी, वही लागू होगा. राज्यपाल जो चाहेंगे, वह नहीं होगा. संविधान की धज्जियां उड़ने नहीं देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा : राज्यपाल ने कहा कि विधेयक कानून संगत नहीं है. यह अजीब बात है. 3.5 करोड़ लोगों ने सरकार बनायी है. वह बोका (मूर्ख) नहीं हैं. आदिवासी-मूलवासी को नहीं चाहिए क्या? यहां के लोगों को नौकरी में आरक्षण मिलना चहिए. लड़कर अलग राज्य लिया है, तो अपना अधिकार भी छीन कर लेंगे.

Also Read: राज्यपाल के 1932 खतियान आधारित स्थानीयता बिल लौटाने पर CM हेमंत ने जतायी आपत्ति, कहा- वह जो चाहेंगे, नहीं होगा

Next Article

Exit mobile version